नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ड्रोन और वाहन उद्योग की घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इन वाहनों में इलेक्ट्रिकल एवं हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन भी शामिल होंगे।
कुल धनराशि 26,058 करोड़ में से 25,938 करोड़ रुपये वाहन उद्योग और 120 करोड़ रुपये ड्रोन उद्योग के लिए आवंटित किए गए हैं। पिछले साल सरकार ने कहा था कि उसने पांच साल में वाहन और वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए 57,043 करोड़ रुपये आवंटित करने की योजना बनाई है हालांकि सरकार का जोर प्रदूषण रहित वाहनों के विनिर्माण पर है, इसलिए आवंटन घटा दिया गया है। इस योजना का मकसद वाहन उद्योग के लिए महंगे उन्नत तकनीक वाहनों एïवं उत्पादों जैसे सनरूफ्स एडेप्टिव फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमेटिक ब्रेकिंग, टायर दबाव निगरानी प्रणाली और टक्कर चेतावनी प्रणाली आदि को प्रोत्साहन देना है।
आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘यह प्रोत्साहन ढांचा उद्योग को उन्नत वाहन तकनीक उत्पादों की स्वदेशी वैश्विक आपूर्ति शृंखला के लिए ताजा निवेश करने को प्रोत्साहित करेगा।’ इस बयान में आगे कहा गया कि वाहन क्षेत्र के लिए 18,100 करोड़ रुपये की मौजूदा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल योजना और 10,000 करोड़ रुपये की फास्टर एडोप्शन ऑफ इलेक्ट्रिकल व्हीकल (फेेम) योजना से भारत को पंरपरागत जैव ईंधन आधारित परिवहन प्रणाली की जगह प्रदूषण रहित, टिकाऊ, उन्नत और ज्यादा कुशल ईवी आधारित प्रणाली को अपनाने में मदद मिलेगी।