एलन एलुमिनी मीट में शामिल हुए एक हजार से अधिक अतिथि, साझा किए अनुभवनेक्स्ट जनरेशन के लिए एलन परिवार स्कॉलरशिप की घोषणा, 30 लाख एलन स्टूडेंट फैमिलीज को मिलेगा लाभकोटा जैसा शहर और पढ़ाई की सुविधाएं पूरे देश में नहीं : ओम बिरला
एलन परिवार स्कॉलरशिप स्कीम की घोषणा
मुख्य कार्यक्रम रविवार को एलन समुन्नत कैम्पस के समरस ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। यहां सभी पुराने स्टूडेंट्स का सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे। कार्यक्रम में एलन परिवार की मातोश्री कृष्णादेवी मानधना, निदेशक डॉ.गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी व डॉ.बृजेश माहेश्वरी मौजूद, एचओडी केजी वैष्णव व पीबी सक्सेना सर रहे। कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मंत्री व विधायक शांति धारीवाल का वीडियो संदेश भी चलाया गया। इस अवसर पर एलन की ओर से एलन स्टूडेंट्स के लिए एलन परिवार स्कॉलरशिप स्कीम की घोषणा की गई।
संस्कार के सफलता तक का ध्येय
निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि पुराने विद्यार्थियों से मिलकर यादें ताजा हो गई। यही एलन की असली ताकत है। देशभर के डॉक्टर्स इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें नहीं एक-दूसरे से मिले। उनके अनुभव जाने, बदला हुआ कोटा देखा यह बहुत सुखद अनुभव है। निदेशक डॉ.बृजेश माहेश्वरी ने पुराने स्टूडेंट्स के साथ साझा किए गए क्षणों को अविस्मरणीय बताया और एलन की अकेडमिक यात्रा की जानकारी दी। अंत में निदेशक नवीन माहेश्वरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
एलन परिवार स्कॉलरशिप की घोषणा
कार्यक्रम में एलन के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि एलन हमेशा स्टूडेंट्स के साथ रहा है। उन्हें आगे बढ़ाने में अपना योगदान देता आया है। एक बार फिर स्टूडेंट्स और एलन के संबंध को प्रगाढ़ बनाए रखने के लिए घोषणा की जा रही है। एलन एलुमिनाई स्कॉलरशिप ‘‘एलन परिवार‘‘ की शुरुआत अगले सत्र में प्रवेश के साथ शुरू की जाएगी। इसके तहत किसी भी वर्ष में एलन में पढ़े एलन स्टूडेंट के परिवार के बच्चों को शुल्क में स्कॉलरशिप दी जाएगी। एलन स्थापना से अब तक 30 लाख से अधिक स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन कर चुका है। ऐसे में हम इतने स्टूडेंट्स के परिवारों से जुड़कर उन्हें प्रोत्साहन दे सकेंगे।
एलन ने संघर्ष करना सिखाया
जयपुर से आए 1995 बैच के स्टूडेंट डॉ.जीवन कांकरिया ने बताया कि मैंने कोटा से बहुत कुछ सीखा है। कोटा सिर्फ सफलता ही नहीं दिलाता यहां संघर्ष करना सिखाया जाता है। क्योंकि जब कम्पीटिटिव एग्जाम की बात आती है तो हमें बहुत अलग स्तर की मेहनत की जरूरत होती है। ये कोटा में सीखा और एलन ने संस्कार से सफलता तक की जो सीख दी वो आज भी हमारे लिए बहुत उपयोगी है।
तब भी अब भी वही फैकल्टीज
नई दिल्ली से आए डॉक्टर देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि सबसे अच्छा अहसास कोटा में आकर यह हुआ कि यहां आज भी वही ऊर्जा और सकारात्मकता है। एलन में वही टीचर्स दिखे जिन्होंने हमें पढ़ाया था। एलन अपनी परम्पराएं बरकरार रखे हुए हैं। आज भी स्टूडेंट्स वही प्रार्थना और उन्हीं संस्कारों के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। यह बहुत ही बेहतर अनुभव है जो जिंदगीभर याद रहेगा।
कोटा आगे बढ़ने के लिए करता प्रेरित
गुजरात कैडर के आईएएस डॉ.विक्रांत पांडे ने बताया कि कोटा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। मैं एक छोटे से कस्बे भवानीमंडी से हूं। एलन से संघर्ष करना सीखा इसीलिए मेडिकल के बाद सिविल सर्विसेज क्रेक किया। कोटा आया, एलन में 1996 बैच में पढ़ा और आरपीएमटी में सलेक्ट हुआ। एलन में मेहनत की जाती है, जिस तरह से बृजेश माहेश्वरी सर, वैष्णव सर, सक्सेना सर और अन्य फैकल्टीज हमें पढ़ाते थे, सब्जेक्ट बहुत आसान लगते थे। एलन में आज भी पढ़ाई इतनी ही बेहतर है। एलन और कोटा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
बहुत बदल गया कोटा
नोएडा एनसीआर-दिल्ली से आए डॉ.आशीष गोयल ने कहा कि तब और अब का कोटा बहुत बदल गया है। एलन भी बहुत बड़ा हो गया है। हम दो-तीन कमरे के इंस्टीट्यूट में पढ़े आज बड़े-बड़े कैम्पस और कोटा का बदला हुआ रूप बहुत अच्छा लगता है। बहुत सुखद अहसास होता है जब कोटा और एलन को आगे बढ़ता देखते हैं।
पुरानी यादें ताजा हो गई
1995 बैच के स्टूडेंट और कोटा मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जरी हेड डॉ.एस.एन.गौतम ने बताया कि कोटा में आज पुराने साथियों के साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लगा। एलन ने हमें बनाया है। एलन आगे बढ़ता है तो बहुत गर्व की अनुभूति होती है, लगता है हम आगे बढ़ रहे हैं। कोटा के स्टूडेंट्स को एक बार फिर कोटा में देखकर लगा कि फिर से पुराने दिन आ गए।