jaipur| एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी प्रशांत जैन ने इस्तीफा दे दिया है। जैन को म्युचुअल फंड उद्योग का सचिन तेंडुलकर कहा जाता है। समी मोडक के साथ बातचीत में उन्होंने एचडीएफसी छोड़ने और आगे की योजना के बारे में विस्तार से बताया। संक्षिप्त अंश: आपने एचडीएफसी एएमसी छोड़ने के अपने निर्णय से सभी को हैरान कर दिया…
एचडीएफसी एएमसी में वाकई लंबी पारी रही। करीब 31 साल तक मैंने इसके साथ काम किया। मैं उस समय कंपनी नहीं छोड़ना चाहता था, जब फंड का प्रदर्शन कमजोर था। मेरे प्रबंधन वाले फंडों का प्रदर्शन अब सूचकांक और प्रतिस्पर्द्धी फंडों के प्रदर्शन से बेहतर हो गया है। अब मैं कमान दूसरे को सौंपना चाहता था। मेरी योजनाओं में कॉरपोरेट बैंक और बिजली क्षेत्र शामिल थे। लॉकडाउन के दौरान बिजली की मांग घटने और कर्ज फंसने की वजह से फंड के प्रदर्शन पर भी असर पड़ा। लेकिन जब हालात सामान्य हुए तो प्रदर्शन भी बेहतर हो गया।
एचडीएफसी एएमसी से आपके जाने के बाद आपकी कमी काफी खलेगी… मैं ऐसा नहीं मानता। कारोबार सही चल रहा है और इक्विटी फंडों के समूचे दायरे में हमारा प्रदर्शन मजबूत रहा है। हमने अधिकांश क्षेत्रों में अच्छी प्रगति की है। निवेश टीम भी मजबूत है। सच कहूं तो मेरे 31 साल के सफर में यह सर्वश्रेष्ठ टीम है।
आगे की क्या योजना है?
एचडीएफसी के साथ काम करने के बाद किसी और संगठन के साथ काम करने की मेरी इच्छा नहीं है। जीवन के इस पड़ाव पर मैं शेयरधारकों के बजाय यूनिटधारकों और ग्राहकों की जिम्मेदारी तक ही खुद को सीमित रखना चाहता हूं। मेरी कोई बड़ी योजना नहीं है। मैं अपना कुछ शुरू करूंगा और अपने परिवार को समय दूंगा।
वारेन बफेट ने अपनी अधिकतर संपत्ति 60 वर्ष की उम्र के बाद अर्जित की। अभी आगे और लंबा सफर है…
संपत्ति की कोई सीमा नहीं होती। मैं जानता हूं कि कई लोग कम पैसों में भी खुश रहते हैं और कुछ को ज्यादा पैसों से भी खुशी नहीं मिलती है। इसके जाल में मत फंसिए। मैं उन ग्राहकों पर ध्यान दूंगा, जिनकी सोच मेरी जैसी हो।
क्या आप निवेश शैली बदलेंगे?
मैं लगातार सीखता रहता हूं और समय के साथ सुधार भी आया है। बुनियादी नजरिया तो वही है, जो सरल, टिकाऊ है और अर्थव्यवस्था एवं बाजार के कई चक्रों में 30 साल से ज्यादा समय तक खरा साबित हो चुका है। इसलिए निवेश का तरीका पहले जैसा ही रहेगा।
क्या कोष के बढ़ते आकार के लिहाज से सक्रिय कोष प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो रहा है?
सक्रिय कोष प्रबंधक खर्चों की भरपाई से ऊपर दो फीसदी अतिरिक्त रिटर्न दे सकते हैं, जो बेंचमार्क के रिटर्न के बराबर हो सकता है। यह काफी चुनौतीपूर्ण है। यही वजह है कि कई कोष प्रबंधकों को इससे जूझना पड़ रहा है