मुंबई। सीबीआई ने यस बैंक धोखाधड़ी मामले (Yes Bank fraud case) में महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबलेश्वर से दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल वधावन (DHFL promoter Kapil Wadhawan) और उनके भाई धीरज वधावन को गिरफ्तार किया। दोनों को एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो अदालत मुंबई द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के आधार पर जिले के अधिकारियों के सहयोग से गिरफ्तार किया गया है।
सात मार्च को किया था मामला दर्ज
अदालत ने उनके खिलाफ 17 मार्च को एजेंसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर एनबीडब्ल्यू जारी किया था। सीबीआई ने यस बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप के आधार पर इस साल सात मार्च को कपिल और धीरज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यस बैंक के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर और अन्य मामले में आरोपी हैं।
पंचगनी में सरकारी संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में मिले
सीबीआई के प्रवक्ता आर. के. गौड़ ने बताया कि सीबीआई को नौ अप्रैल को सतारा जिले में दोनों अभियुक्तों की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिली थी। वे पंचगनी में एक सरकारी संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में थे। उन्होंने बताया, इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक सतारा को सीबीआई या अदालत के आदेश के बिना एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी नहीं करने और आरोपी व्यक्तियों को फरार होने से रोकने के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाने के लिए एक ईमेल भेजा गया था।
600 करोड़ रुपये का किया था भुगतान
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर (Yes Bank founder Rana Kapoor) के साथ चल रहे मामले की सीबीआई जांच में पता चला है कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन द्वारा बिल्डर लोन की आड़ में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।