नई दिल्ली। वैश्विक दवा कंपनी मायलन (Mylan) ने टीबी की रोकथाम की दवा प्रेटोमानीड (drug Pratomaniid) को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिलने की घोषणा की। यह दवा राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत सशर्त उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। इस तरह भारत इस दवा के लिए नियामक मंजूरी देने वाला दूसरा देश होगा।
एक्सडीआर-टीबी, एमडीआर-टीबी मरीजों को लाभ
प्रेटोमानीड (drug Pratomaniid) को तीन-दवा के तहत, सभी छह-महीने की मौखिक खुराक के लिए मंजूरी दी गई है (कुछ मामलों में इलाज बढ़ाकर नौ महीने करने का विकल्प होगा)। इन दवाओं में बेडाक्वीलाइन, प्रेटोमानीड और लाइनजोलीड शामिल हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से ‘बीपीएएल कहा जाता है। इसका उपयोग वयस्क रोगियों के फेफड़े के बड़े हिस्से में ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (एक्सडीआर-टीबी), मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (एमडीआर-टीबी) के मरीजों के लिए होगा, जो या तो सामान्य उपचार सह नहीं पाते या फिर उपचार का असर नहीं होता।
पूरी दुनिया में टीबी इलाज का नजरिया बदल
Mylan के अध्यक्ष राजीव मलिक ने कहा कि दुनिया में अग्रणी संक्रामक रोगों की दवाओं के पोर्टफोलियो में एक मायलन (Mylan) का है और भारत में प्रेटोमानीड की मंजूरी के साथ हमने पूरी दुनिया में टीबी इलाज का नजरिया बदलने की ठान ली है। इसके लिए हम अपनी दवा अधिक से अधिक लोगों के लिए सुलभ और सस्ता बनाएंगे।