जयपुर. डार्क चॉकलेट में एल्कलॉइड होता है जो कोडीन की तरह खांसी पर काम करता है। कोडीन हर तरह की कफ सिरप में होता है। ये खांसी से हो रहे गले में इर्रिटेशन को दूर कर उसे जड़ से खत्म करने का काम करता है। चॉकलेट में मौजूद कोकोआ जब कोडीन के साथ मिलता है तो ये खांसी के लिए बेहतरीन तरीके से काम करता है। खांसी होने पर जब आप कफ सिरप पीते हैं तो गले में कफ सिरप एक परत बनाती है और ये परत गले पर लंबे समय तक चिपकी रहती है जिससे गले का इंफेक्शन भी सही होता है और गले की इर्रिटेशन भी कम होती है। एक तरावट गले को मिलता है और खांसी से आराम मिलता है। डार्क चॉकलेट के साथ भी कुछ ऐसा ही ही है। डार्क चॉकलेट खाने से गले में और मोटी परत जमती है जो गले में लंबे समय तक बनी रहती है।
खांसी में चॉकलेट खाने से क्यों मिलता है आराम?
बिलकुल कफ सिरप की तरह चॉकलेट काम करता है। जब भी आप चॉकलेट खाएं तो उसके बाद पानी न पीएं। क्योंकि पानी पीने से वह परत हट जाएगी और खांसी से फायदा नहीं मिलेगा। जब भी चॉकलेट खाएं केवल मुंह को धो लें ताकि दांत खराब न हों। शोध बताते हैं कि डार्क चॉकलेट खाने से दो दिन में पुरानी खांसी पर भी तेजी से असर होता है। इसके लिए जब भी लगातार खांसी आए तो आप चॉकलेट के दो पीस खा लें। खास कर रात को सोते समय डार्क चॉकलेट के दो पीस को खाएं और मुंह धो कर सो जाएं। ये खांसी के लिए बेहतर दवा की तरह से काम करेगा।