जयपुर। कोविड-19 (Covid-19) के मरीजों के इलाज के लिए अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख दवाओं के निर्माण में काम आने वाली दवा सामग्री (Covid-19 drug paraphernalia) की कीमतों में पिछले कुछ महीने में 25-180 फीसदी के दायरे में तेजी आई है। इसकी दो वजहों में मांग में अचानक आई वृद्धि और चीन से होने वाली धीमी आपूर्ति शामिल है। हालांकि, खुदरा स्तर पर इसकी कोई कमी की उम्मीद नहीं है क्योंकि बड़ी कंपनियां कुछ महीने की इन्वेंट्री रखकर चलती हैं। पैरासिटामोल (Paracetamol) , एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin), डॉक्सीसाइक्लीन (Doxycycline), आइवरमेक्टिन (Ivermectin) की सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) की कीमतें बढ़ गई हैं। ये या तो एंटीबायोटिक, एनाल्जेसिक या अन्य दवाएं हैं जिनका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में आजकल हो रहा है।
तेजी करीब 140 फीसदी
मिसाल के तौर पर बुखार और दर्द की दवा पैरासिटामोल की एपीआई दिसंबर 2020 के 450-480 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर इस साल अप्रैल में 580-600 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है यानी इसमें 25 प्रतिशत की तेजी आई है। भारत में बड़ी दवा कंपनियों के एक प्रमुख संगठन इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस (Indian Pharmaceutical Alliance) (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, ‘दिसंबर 2019 में कोविड से पहले के स्तर की तुलना में यह तेजी करीब 140 फीसदी है।’
फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्यात में करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी
आईपीए (Indian Pharmaceutical Alliance) के सदस्यों की घरेलू बाजार में 60 फीसदी हिस्सेदारी जबकि भारत के फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्यात में करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं दूसरी तरफ, कोविड मरीजों और उनके रिश्तेदारों को आइवरमेक्टिन अपेक्षाकृत कम दी जाती है लेकिन इसमें भी करीब 188 फीसदी की बढ़त देखी गई है और यह कुछ महीने पहले के 18,000 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 52,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। जैन का कहना है कि हाल के महीनों में संक्रमण की तादाद बढऩे के साथ ही मांग में तेजी आनी शुरू हो गई।
उच्च माल ढुलाई दरों की वजह से मुसीबतें बढ़ रही
उन्होंने कहा, ‘चीन से आपूर्ति आ रही है लेकिन इसकी रफ्तार धीमी गति वाली है। हमने लॉजिस्टिक्स से जुड़ी दिक्कतों को कम करने की वजह से चीन के भारतीय दूतावास में यह मुद्दा उठाया है। चीन की सरकारी विमानन कंपनी सिचुआन एयरलाइंस (china aviation company sichuan airlines) द्वारा भारत में 15 दिनों के लिए माल ढुलाई सेवाओं को निलंबित करने के बाद फार्मास्यूटिकल एक्सपोट्र्स प्रमोशन काउंसिल (फार्मेक्सिल) ने भी पेइचिंग में भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था। हालांकि बाद में विमानन कंपनी इस फैसले से जल्द ही मुकर गई। फार्मेक्सिल ने कहा कि कंटेनरों की कमी और उच्च माल ढुलाई दरों की वजह से मुसीबतें और बढ़ रही हैं।