67 प्रतिशत लोग करेंगे खर्च में कटौती
फिलहाल इतना तो तय है कि एक बार कोविड-19 खत्म होने या कम से कम इसकी आंच कम होने के बाद उपभोक्ताओं की जेब में खर्च करने लायक बहुत अधिक रकम नहीं बचेगी। उपभोक्ताओं का मिजाज भांपने के लिए मैकिंजी ऐंड कंपनी ने 10 से 12 अप्रैल के बीच एक सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण के अनुसार करीब 67 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे खर्च में कटौती करेंगे, जबकि 52 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना था कि उनकी नौकरियां सुरक्षित नहीं होने का अंदेशा सता रहा था। करीब 85 प्रतिशत लोग अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
दुकान या मॉल के बजाय ऑनलाइन खर्च
इन बातों से स्पष्ट है कि उपभोक्ता फैशन या सैर-सपाटे के बजाय सुरक्षा से जुड़ी वस्तुओं जैसे हैंड सैनिटाइजर, फेस मास्क और प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खरीदने पर अधिक ध्यान देंगे। उनके पास इन जरूरतों को पूरा करने के बाद जो थोड़ी बहुत रकम बचेगी उनका इस्तेमाल वह दुकान या मॉल के बजाय ऑनलाइन माध्यम से खर्च करने को तरजीह देंगे।
नए वाहन खरीदने के बजाय खरीदेंगे पुराने वाहन
वाहन उद्योग की बात करें तो उन्हें मौजूदा समय में चुनौतियां तो दिख रही हैं, लेकिन साथ ही कई अवसर भी दिख रहे हैं। स्कोडा ऑटो इंडिया में ब्रांड निदेशक जैक होलिस कहते हैं, ‘कोविड-19 संकट के बाद लोग सार्वजनिक परिवहनों का इस्तेमाल करने के बजाय अपनी सुरक्षा के लिए निजी वाहन का इंतजाम करेंगे। हालांकि लोगों पर वित्तीय दबाव भी रहेगा, इसलिए नए वाहन के लिए मासिक किस्त (ईएमआई) भरना उनके लिए मुनासिब नहीं होगा। इससे बचने के लिए कई लोग नए वाहन खरीदने के बजाय पुराने वाहन खरीदेंगे।’
लोगों की नौकरी जाने या वेतन में भारी कटौती की आशंका
स्कोडा उन बीमा कंपनियों से बात कर रही है, जो कुछ महीनों तक प्रीमियम के तौर पर छोटी रकम लेकर मासिक किस्त का बीमा कर सकती हैं। लोगों की नौकरी जाने या वेतन में भारी कटौती की आशंका के कारण ऐसी नौबत आ सकती है। जब उनके पास ईएमआई भरने के लिए रकम नहीं बचेगी।
32 प्रतिशत करेंगे निजी वाहनों का इस्तेमाल
होलिस को लगता है कि इससे कंपनी को कारोबार बरकरार रखने में मदद मिलेगी। एक अन्य एजेंसी कैंटार ने भी उपभोक्ताओं का मन टटोलने के लिए देश के 19 शहरों में सर्वेक्षण किया है। इसके अनुसार करीब 32 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह अपने निजी वाहन-कार या स्कूटर-का इस्तेमाल अधिक करेंगे। करीब 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे उबर या ओला जैसी टैक्सी सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करेंगे या इसमें खासी कमी करेंगे। सामाजिक दूरी बरतने पर अब विशेष जोर दिया जाने लगा है, जिससे उबर एवं ओला जैसी कंपनियों के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।
कार-पूलिंग से रहेंगे दूर
उबर के अधिकारियों ने माना कि कोविड-19 संकट समाप्त होने के बाद भी लोग कार-पूलिंग से दूर ही रहेंगे। उबर में प्रमुख, सेंट्रल ऑपरेशंस, इंडिया एवं साउथ एशिया, पवन वैश ने कहा, ‘हमें पता है कि लोग किसी सेवा के लिए अधिक कीमतें चुकाने की स्थिति में नहीं होंगे। लगभग सभी लोग इस समय कठिन आर्थिक हालात से गुजर रहे हैं, इसलिए हम उन्हें अपने साथ बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे।’ कोविड-19 के बाद बदले परिवेश में डिजिटल माध्यमों की तरफ लोगों का रुझान बढऩा लगभग तय लग रहा है। ऐसे में ई-कॉमर्स, ओटीटी या ऑनलाइन शिक्षा का दबदबा बढ़ेगा।