मुंबई: महामारी खत्म होने के संकेत नजर आने और स्वास्थ्य क्षेत्र में वृद्धि का परिदृश्य बने रहने से सूचीबद्ध एवं गैर-सूचीबद्ध कॉरपोरेट अस्पताल मुख्य रूप से मौजूदा अस्पतालों की क्षमता बढ़ाकर एवं अधिग्रहण के जरिये विस्तार की योजनाएं बना रहे हैं। ज्यादातर अस्पतालों ने अपने मौजूदा अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है, जबकि अन्य मौजूदा अस्पतालों का अधिग्रहण कर रहे हैं। कुछ अस्पतालों ने छोटे कस्बों एवं शहरों में परिचालन एवं प्रबंधन के करार करने की योजना बनाई है।
प्रभुदास लीलाधर में विश्लेषक परम देसाई ने कहा कि मौजूदा क्षमता अगले एक या डेढ़ साल की मांग ही पूरी कर सकती है। देसाई ने कहा, ‘इस तरह अब अस्पताल विस्तार योजनाओं पर काम कर रहे हैं। वे अगले पांच या छह साल की मांग पूरी करने के लिए मुख्य रूप से अधिग्रहण और मौजूदा अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाने का तरीका अपना रहे हैं।’ अस्पताल भी इससे सहमत नजर आते हैं। पूर्वी भारत में मेडिका ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आलोक राय ने कहा कि उनके पांच अस्पतालों के नेटवर्क में पहले से ही 80 फीसदी क्षमता इस्तेमाल हो रही है। राय ने कहा, ‘इस तरह हम मौजूदा अस्पतालों में बेड बढ़ा रहे हैं, अधिग्रहण की संभावनाएं तलाश रहे हैं और पूर्वी भारत के छोटे कस्बों एवं शहरों में परिचालन एवं प्रबंधन के मौके तलाश रहे हैं।’ मेडिका के पास इस समय 1,100 बेड हैं और यह करीब 500 बेड बढ़ाने जा रही है। यह रांची, कोलकाता और सिलीगुड़ी में अपने मौजूदा अस्पतालों में बेड बढ़ाने पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और रायपुर, गुवाहाटी एवं भुवनेश्वर में अस्पतालों के अधिग्रहण पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च करेगी। राय ने कहा, ‘अधिग्रहण के जरिये विस्तार और परिचालन एवं प्रबंधन के जरिये हम अगले कुछ वर्षों में पांच और अस्पताल बढ़ा लेंगे। इस समय पांच अस्पतालों का परिचालन कर रहे हैं।’ सूचीबद्ध कॉरपोरेट अस्पतालों ने भी विस्तार की बड़ी योजनाएं बनाई हैं। मैक्स हेल्थकेयर अपने मौजूदा अस्पतालों साकेत (दिल्ली), नानावटी (मुंबई) और शालीमार बाग में अगले पांच साल के दौरान 2,300 बेड बढ़ाने की योजना बना रही है, जो उसकी मौजूदा क्षमता का 70 फीसदी हैं। मैक्स भी परिचालन एवं प्रबंधन के जरिये एनसीआर में बेड बढ़ा रहा है, जो वित्त वर्ष 2024 में चालू हो जाएंगे।