नई दिल्ली। सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनुबंध पर भर्ती कर्मचारी जल्द ही शेयर विकल्प योजना (Share option plan) सहित शेयर संबंधित कर्मचारी लाभ योजनाओं के लिए पात्र बन सकते हैं। अब तक ऐसे आवंटन के लिए केवल स्थायी कर्मचारी, निदेशक और कार्याधिकारी ही पात्र थे। इस कदम से देश की स्टार्टअप और तकनीकी कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो मध्य स्तर पर बहुत से सलाहकारों की नियुक्ति करती हैं।
‘स्थायी’ शब्द को हटाकर इसमें बदलाव करने की योजना
सूत्रों के मुताबिक बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Market regulator Securities and Exchange Board of India) (सेबी) (SEBI) मौजूदा शेयर संबंधी कर्मचारी लाभ नियमनों के तहत कर्मचारियों की परिभाषा से ‘स्थायी’ शब्द को हटाकर इसमें बदलाव करने की योजना बना रहा है। नियामक ने इन नियमों में स्वेट इक्विटी नियम को भी शामिल करने पर विचार किया है क्योंकि दोनों नियम एक-दूसरे के दायरे को लांघते हैं और लगभग एकसमान हैं।
समिति द्वारा प्रस्तावित बदलाव
सेबी (SEBI) ये कदम अपनी एक विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तावित बदलावों के बाद उठा रहा है। इस समिति ने शेयर आधारित कर्मचारी लाभ के ढांचे और स्वीट इक्विटी के मुद्दे की समीक्षा की है। नियामक विमर्श पत्र के जरिये जनता की राय आमंत्रित करेगा। यह विमर्श-पत्र अगले महीने की शुरुआत में जारी होने के आसार हैं।
Share खरीद योजनाओं के जरिये पुरस्कृत करने की मंजूरी
उनके मुताबिक कंपनियों को कर्मचारी की परिभाषा की व्याख्या से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इसमें अनुबंधित कर्मचारियों की पात्रता नहीं दी गई है। इस परिभाषा से अच्छी प्रतिभाओं को जोडऩे का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। सेबी (SEBI) के शेयर संबंधी कर्मचारी लाभ उपायों में सूचीबद्ध कंपनियों को अपने कर्मचारियों को शेयर विकल्प एवं शेयर खरीद योजनाओं के जरिये पुरस्कृत करने की मंजूरी दी गई है।
रोजगार के बदलते समीकरण
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम रोजगार के बदलते समीकरणों के मुताबिक होगा। विशेष रूप से यूनिकॉर्न और स्टार्टअप जिस तरह से काम कर रही हैं, उन्हें एक निर्धारित अवधि के लिए कुशल कामगारों की जरूरत होती है। इसकी उन कंपनियों को भी जरूरत है, जो यह सुनिश्चित करती हैं कि कंपनी में हर कोशिश बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करे।