जयपुर। पिछले साल की दूसरी छमाही में रफ्तार पकडऩे के बाद कोविड-19 (Covid-19) की दो प्रमुख दवाओं-रेमडेसिविर और फैविपिराविर (covid drug remadecavir and favipiravir) में तेज गिरावट आई है। बाजार अनुसंधान कंपनी – एआईओसीडी एडब्ल्यूएसीएस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल नवंबर में 124 करोड़ रुपये की शीर्ष मासिक बिक्री की तुलना में जनवरी में रेमडेसिविर (covid drug remadecavir) की बिक्री घटकर 41 करोड़ रुपये रह गई है।
रेमडेसिविर की कुल मासिक का 75 प्रतिशत
सिप्ला की सिप्रेमि और कैडिला हेल्थकेयर की रेमडैक (covid drug remadecavir and favipiravir) पिछले कुछ महीनों के दौरान सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड रहे हैं। जनवरी में भी इन दोनों ब्रांडों में से प्रत्येक की बिक्री 15 करोड़ रुपये रही है, जो रेमडेसिविर (covid drug remadecavir) की कुल मासिक का 75 प्रतिशत है। अलबत्ता इन ब्रांडों की बिक्री में भी गिरावट आई है। नवंबर में लगभग 40 करोड़ रुपये (प्रत्येक) की मासिक बिक्री के बाद से बिक्री लगातार घटी है।
सितंबर में 117 करोड़ रुपये की बिक्री, जनवरी में 18 करोड़ रुपये बिक्री
हालांकि रेमडेसिविर इंजेक्शन (covid remadecavir injection) से दी जाने वाली दवा है जिसे अस्पतालों में दिया जाता है, लेकिन मुंह से सेवन की जाने वाली ऐंटीवायरल दवा फेविपिराविर (covid drug favipiravir) की बिक्री में भी पिछले कुछ महीनों के दौरान गिरावट देखी गई है। सितंबर में 117 करोड़ रुपये की शीर्ष मासिक बिक्री के मुकाबले जनवरी में अब यह तेजी से गिरकर 18 करोड़ रुपये रह गई है। ग्लेनमार्क की फैफिफ्लू (Glenmark’s Fafiflu) यहां ऐसा ब्रांड है जिसकी बाजार हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। हालांकि कोविड-19 (Covid-19) के मामलों में गिरावट आने की वजह से फैबिफ्लू की बिक्री भी गिरावट आई है। वर्ष 2020 में लगभग 60 करोड़ से 70 करोड़ रुपये की मासिक बिक्री की तुलना में जनवरी में इसकी बिक्री घटकर 12 करोड़ रुपये रह गई है।
दवाओं की बिक्री में महीना दर महीना गिरावट
कैमिस्ट बताते हैं कि इन दवाओं की बिक्री में महीना दर महीना गिरावट आ रही है। केमिस्ट और दवा विक्रेताओं का कहना है कि फरवरी के दौरान गुजरात में फैविपिराविर और रेमडेसिविर (covid drug remadecavir and favipiravir) की मासिक आधार पर बिक्री में 90 से 95 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। फेडरेशन ऑफ गुजरात स्टेट कैमिस्ट्स ऐंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अल्पेश पटेल ने कहा कि आठ से 10 कंपनियों के स्टॉक निष्क्रिय पड़े हुए हैं।
10 प्रतिशत बिक्री भी नहीं हुई
पिछले महीने की तुलना में 10 प्रतिशत बिक्री भी नहीं हुई है, क्योंकि घरेलू देखभाल और अस्पतालों दोनों में ही कोविड (Covid vaccine) के मामलों में गिरावट आई है। इनमें से बहुत सारा स्टॉक गैर-वापसी वाला था। जिना भी स्टॉक वापस किया जा सकता था, वह वापस किया जा रहा है, क्योंकि वे चार से छह महीने की कम अवधि की एक्पायरी वाले हैं। पटेल के अनुसार ज्यादातर स्टॉक की एक्सपायरी अप्रैल 2021 की है और अब इनकी खेप भी नहीं आ रही हैं।