देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है. उनके लिए केंद्र सरकार ने 2019 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये देने की घोषणा की है. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लॉन्च करने के दौरान पीएम मोदी ने भी कहा था कि इस योजना में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है. लाभार्थी किसानों की सूची ग्राम पंचायत में जारी की जाएगी. उसके बाद लाभार्थी किसानों की योजना ‘पीएम-किसान पोर्टल’ पर अपलोड की जाएगी. ऐसे में जिन किसानों को लगता है कि वे इस योजना के अंतर्गत आते हैं, लेकिन योजना में उनका नाम नहीं हैं तो वे ब्लॉक या जिलास्तर पर अधिकारियों से मिलकर उन्हें अपने समस्याओं से अवगत करा सकते है.
शिकायत दर्ज करा सकते है
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर इस योजना के सभी नियमों को पूरा करने के बावजूद आपके खाते में पैसा नहीं आए तो आप इसके लिए शिकायत दर्ज करा सकते है. इस शिकायत के लिए आपको लेखपाल अधिकारी (पटवारी) के पास जाना होगा. वह आपकी जमीन का ब्यौरा देगा. अगर वह नियम के मुताबिक निकला तो आपको लेखपाल अधिकारी से लिखावाकर जिला कृषि अधिकारी से मिलना होगा. वहीं इस फैसला लेगा. यदि कहीं से बात नहीं बन रही है तो सीधे केंद्रीय कृषि मंत्रालय में फोन करके किसान हेल्प डेस्क के ई-मेल pmkisan-ict@gov.in पर संपर्क करें. वहां से भी न बात बने तो इस सेल के फोन नंबर 011-23381092 पर फोन करके अपनी समस्या बता दें. यही नहीं इस योजना के वेलफेयर सेक्शन (Farmer’s Welfare Section) में संपर्क कर सकते हैं. दिल्ली में इसका फोन नंबर है 011-23382401, जबकि ई-मेल आईडी pmkisan-hqrs@gov.in है.
क्या है ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना?
देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है, उन किसानों के खाते में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. हालांकि अब यह दायरा बढ़ा दिया गया है. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी.