नयी दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में सार्वजनिक-निजी साझीदारी को आगे ले जाने के लिए इंडियन स्पेस एसोसिएशन ने “जियोइंटेलिजेंस 2022” में रक्षा और अंतरिक्ष उद्योग के दिग्गजों के बीच अपनी तरह की पहली परिचर्चा “स्पेस ट्रैक” का आयोजन किया। अंतरिक्ष नीति निकट भविष्य में आने की उम्मीद के बीच भारत निजी अंतरिक्ष उद्योग में एक बड़ी क्रांति की दहलीज पर है और यह इस लिहाज से अहम है कि भारतीय स्पेस स्टार्टअप्स में करीब 700 करोड़ रूपये का भारी निवेश किया गया है। इस आयोजन में भारतीय रक्षा बलों और निजी अंतरिक्ष उद्योग से दिग्गज लोगों ने हिस्सा लिया। मुख्य वक्तव्य रक्षा सेवाओं से एयर मार्शल बीआर कृष्णा, लेफ्टिनेंट जनरल एमयू नायर, एयर वाइस मार्शल एम रानाडे, एयर वाइस मार्शल डीवी खोट और निजी अंतरिक्ष क्षेत्र से ध्रुव स्पेस के रणनीतिक प्रमुख क्रांति चंद और मैपमायइंडिया के सीईओ एवं कार्यकारी निदेशक रोहन वर्मा ने दिया। कार्यक्रम के दौरान इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने कहा, “रक्षा और निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष उद्योग के नेताओं के बीच अपनी तरह की पहली परिचर्चा का आयोजन करना हमारे लिए सम्मान की बात है। हमें जल्द ही नयी अंतरिक्ष नीति आने की संभावना है और हमारा मानना है कि अंतरिक्ष नीति आने के बाद अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक को लेकर बातचीत कुछ ही महीनों में शुरू हो जाएगी। अंतरिक्ष विभाग ने इस साल के अंत तक विधेयक लाने का लक्ष्य रखा है। रक्षा बलों के परिचालन में अंतरिक्ष अहम भूमिका निभाता है इसलिए साथ मिलकर काम करने की बहुत अधिक जरूरत है।
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