जयपुर. उद्योगों में ऊर्जा संरक्षण, लाभप्रदता और प्रभावी उपयोग के विषय पर जागरूकता प्रसार को लेकर सीआईआई-राजस्थान, ऊर्जा विभाग तथा जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की सहभागिता से एक कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया गया। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने बताया कि राज्य सचिवालय को ग्रीन बिल्डिंग में बदलने का काम शुरू हो चुका है। वहां भी बड़े पैमाने पर ऊर्जा संरक्षण इसके जरिए हो सकेगा। इसके लिये आवश्यक है कि हम नवाचारों तथा नव्यीकरण ऊर्जा का इस्तेमाल करें। इस अवसर पर सीआईआई राजस्थान के चैयरमेन अनिल साबू ने कहा कि ऊर्जा का संरक्षण व उपयोग समय की मांग है। नवीन उपायों के द्वारा ऊर्जा उपभोग में कमी से जो भी बचत होती है उससे लागत में कमी आने के साथ उत्पादकता में वृद्धि भी होती है। राज्य सरकार व सीआईआई राजस्थान समग्र रूप से इस दिशा में काम कर रहे हैं। राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग के पिं्रसिपल सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने विघुत वितरण व उत्पादन निगम के प्रयासों से ऊर्जा संरक्षण संबंधित कार्यों की जानकारी दी। सीआईआई-नॉर्दन रीजन के डिप्टी चैयरमेन एवं जैक्सन ग्रुप के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक समीर गुप्ता ने बताया कि एमएसएमई की उत्पादन लागत में ऊर्जा लागत एक प्रमुख तत्व है। एमएसएमई द्वारा लगभग कुल विघुत उपभोग का 40 प्रतिशत इस्तेमाल किया जाता है। भारत में एमएसएमई का विस्तार तीव्र गति से हो रहा है और कुछ समय में हम चीन के पश्चात् दूसरे सबसे बड़े निर्माता देश बनते जा रहे हैं। कार्यक्रम में सिक्योर मीटर्स लिमिटेड के सीईओ एवं प्रबन्ध निदेशक सुकेत सिंघल, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक आर. जी. गुप्ता, सीआईआई के उप-महानिदेशक एवं हैड सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस एस. रघुपति, सीआईआई के डायरेक्टर व हैड नितिन गुप्ता मौजूद थे।