मुंबई। टाटा मोटर्स (Tata motors) के स्वामित्व वाली लग्जरी कार कंपनी जगुआर लैंडरोवर (luxury car company jaguar landrover) ने ब्रिटेन की अपनी सहायक इकाई जगुआर लैंडरोवर ऑटोमोटिव (Jaguar Landrover Automotive) में उत्पादन का अनुमान आधा कर दिया है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) को दी जानकारी में कहा कि सितंबर तिमाही में भी सेमीकंडक्टर की किल्लत रहती है तो उसकी आय घट सकती है। इस घोषणा के बाद सुबह के कारोबार में टाटा मोटर्स (Tata motors) का शेयर 10 फीसदी से ज्यादा टूट गया और निचले सर्किट पर आ गया। बाद में यह कुछ चढ़ा और कुल 8.41 फीसदी गिरावट के साथ 316.95 रुपये पर बंद हुआ।
थोक उत्पादन में करीब 5 लाख कार की कटौती
टाटा मोटर्स (Tata motors) ने पहले 4 फीसदी एबिटा मार्जिन रहने और मुक्त नकदी प्रवाह के ब्रेक ईवन में आने का अनुमान लगाया था। लेकिन अब अनुमान में कटौती कर उसने पहली और दूसरी तिमाही में ऋणात्मक एबिटा और मुक्त नकदी प्रवाह ऋणात्मक 1 अरब पाउंड रहने की बात कही है। सेमीकंडक्टर की कमी से कई अन्य कंपनियों को भी अपनी उत्पादन योजना में बदलाव करना पड़ा है। चीन की सबसे बड़ी वाहन कंपनी एसएआईसी मोटर कॉर्पोरेशन ने भी उत्पादन में कटौती की है। कंपनी ने पहली छमाही के लिए थोक उत्पादन में करीब 5 लाख कार की कटौती कर दी है।
करीब 110 अरब डॉलर की कमी
निसान मोटर (Nissan Motor), हुंडई मोटर (Hyundai Motor) और फोक्सवैगन एजी (Volkswagen AG) ने भी सेमीकंडक्टर की कमी के कारण तैयार कारों का स्टॉक घटने की चेतावनी दी है। सेमीकंडक्टर की कमी पिछले दिसंबर से शुरू हुई थी। परामर्श फर्म एलिक्सपार्टनर्स ने मई में अनुमान लगाया था कि इसकी वजह से कार उद्योग की बिक्री में करीब 110 अरब डॉलर की कमी आ सकती है।
बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज भी सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही
जेएलआर की प्रतिस्पद्र्घी कंपनी बीएमडब्ल्यू (BMW) और मर्सिडीज (mercedes) भी सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है। सेमीकंडक्टर को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ‘दिमाग’ कहा जाता है। बीएमडब्ल्यू ने दूसरी छमाही में भी उत्पादन की तस्वीर बिगड़ी रहने की चेतावनी दी है। पिछले हफ्ते बीएमडब्ल्यू के बोर्ड सदस्य मिलान नेदेल्कोविच के हवाले से कहा था कि शुरुआत में अनुमान था कि साल की पहली छमाही में स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी लेकिन अब मुश्किल लग रहा है। अप्रैल में डेमलर ने कहा था कि सेमीकंडक्डर की कमी की वजह से उसे 18,500 कर्मचारियों के लिए काम के घंटे कम करने पड़ेंगे और जर्मनी में दो संयंत्रों में उत्पादन अस्थायी तौर पर रोकना पड़ेगा।