जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जोधपुर में मारवाड़ इन्टरनेशनल सेन्टर का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी अंचलों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने एवं बौद्धिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में विभिन्न जिलों में टाउन हॉल का निर्माण करवाया जा रहा है। जयपुर में राजस्थान इन्टरनेशनल सेन्टर एवं कॉन्स्टीट्यूशन क्लब बनाए गए हैं। टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइन्सेज की तर्ज पर महात्मा गांधी इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइन्सेज बनाया गया है। 100-100 करोड़ रूपए की लागत से जोधपुर सहित 4 जिलों में एमआईसीई सेन्टर बनाए जा रहे हैं। मारवाड़ इन्टरनेशनल सेन्टर सांस्कृतिक एवं वैचारिक आदान-प्रदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कला-संस्कृति जगत में सुनहरे आयाम स्थापित करेगा मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर, कला संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण संवर्धन की दिशा में सुनहरे आयाम स्थापित करने के साथ ही राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय आयोजनों के माध्यम से देश-दुनिया में जोधपुर को गौरव प्रदान करने वाला सिद्ध होगा। 65000 वर्गमीटर भूमि पर निर्मित इस ऑडिटोरियम की बैठक क्षमता 1350 व्यक्तियों (1036 व्यक्ति भूतल एवं 314 बॉलकानी) की होगी। कलाकारों के लिए दो डोरमेट्री एवं 25-25 क्षमता के दो ग्रीन रूम एवं दो बेन्केट लॉन व एग्जिबिशन सेन्टर (प्रत्येक का क्षेत्रफल 5820 वर्गमीटर), राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार एवं कॉन्फ्रेन्स आयोजित करने हेतु दो सेमिनार हॉल (प्रत्येक की क्षमता 64 व्यक्ति) तथा दो कॉन्फ्रेन्स हॉल का प्रावधान भी किया गया है। इसमें कल्चरल सेन्टर भी है, जिसमें आर्ट, फोटोग्राफी गैलेरी, लाईब्रेरी, पेन्टिंग स्टूडियो एवं एक वीआईपी लॉज आदि स्थित है। ऑडिटोरियम के बेसमेन्ट एवं ऑपन स्पेस में कुल 582 कार 505 दोपहिया वाहन एवं 8 बसों की पार्किंग का प्रावधान रखा गया है। आगन्तुकों के लिए हेतु दो रेस्टोरेन्ट (प्रत्येक की क्षमता 72 व्यक्ति) के निर्माण का प्रावधान भी कल्चरल सेन्टर के समीप रखा गया है। इसके साथ ही आगन्तुकों के लिए 14 गेस्ट रूम का निर्माण भी करवाया जा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में जोधपुर बना रहा अपनी एक अलग पहचान—
गहलोत ने कहा कि देश की प्रतिष्ठित संस्थाएं जोधपुर में खुली हैं। उन्होंने कहा कि विगत 4 वर्षों में यहां 4 विश्वविद्यालय खोले जा चुके हैं। एमबीएम यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी फिनटेक यूनिवर्सिटी के बाद आज यहां महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय एवं मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास भी हो चुका है। कभी शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा माना जाने वाला जोधपुर आज शिक्षा में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर से क्षेत्र को जोड़कर आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जाएगा। इससे इस क्षेत्र को औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित कर यहां से आयात-निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
कलाकारों को निरन्तर प्रोत्साहन दे रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोक कलाकारों ने अपनी प्रतिभा के दम पर देश-विदेश में राज्य की एक अलग पहचान बनाई है। पूरे विश्व में प्रदेश के लोक कलाकारों को सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति समाज की अमूल्य धरोहर है। राज्य सरकार इनके संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में 100 करोड़ रूपए का लोक कलाकार कल्याण कोष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश मेें अपनी कला के माध्यम से आजीविका चलाने वाले कलाकारों की कला को सम्मान एवं उन्हें आर्थिक संबल देने के लिए मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना-2023 लाई गई है। योजना में कलाकारों को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए 5000 रुपए देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, योजना के तहत लोक कलाकारों को प्रतिवर्ष 100 दिन विभिन्न राजकीय कार्यक्रमों में कला प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम में मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर के निदेशक सुपारस भंडारी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर खेल एवं युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना, राजस्थान क्रीडा परिषद् की अध्यक्षा कृष्णा पूनियां, राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल, राजस्थान मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्षा बिनाका जैश मालू, विधायक मनीषा पंवार, किसनाराम, पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ सहित बड़ी संख्या में कलाकार, बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी एवं आमजन उपस्थित रहे।