नई दिल्ली। केंद्र सरकार को कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ राज्यों को वित्त आयोग द्वारा किए गए अनुदान और आवंटन को जोड़ना चाहिए। गुरुवार को इसे लेकर ‘भारतीय कृषि के परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति’ की पहली बैठक में चर्चा की गई। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए समिति के संयोजक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कृषि और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच अधिक समन्वय होना चाहिए क्योंकि एक उत्पादन के साथ काम करता है, जबकि दूसरा मार्केटिंग के साथ।
सभी राज्यों को होना होगा शामिल
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अनुदान और वित्त आयोग के धन आवंटन को राज्यों में किए गए कृषि सुधारों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों में एक साथ सुधार सुनिश्चित करना आवश्यक है। फडणवीस ने आगे कहा कि जब तक सभी राज्य इसमें शामिल नहीं होते हैं, तब तक देश में कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव नहीं आएगा।
कमलनाथ ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) 1955 को खत्म करने की मांग की समिति के कुछ सदस्यों ने खाद्य क्षेत्र में आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए), 1955 की उपयोगिता पर भी सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) 1955 को खत्म करना चाहते थे। नीति आयोग की भारतीय कृषि में बदलाव के लिए गठित मुख्यमंत्रियों की इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।
किसानों की आय बढ़ाना है मुख्य मकसद
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस समिति के सदस्य हैं जबकि नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद इस समिति में बतौर सदस्य-सचिव शामिल हुए। मुख्यमंत्रियों की इस बैठक में किसानों की आय बढ़ाने, कृषि कल्याण की योजनाओं और सुझावों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्यों में नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के जरिए एक गतिशील इलेक्ट्रॉनिक मंच प्रदान करने और कृषि में निवेश बढ़ाने पर चर्चा हुई।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री हुए शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि पर गठित मुख्यमंत्रियों की पहली बैठक गुरुवार को नीति आयोग में हुई। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भाग लिया।