जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 21 अप्रेल को झुन्झुनु जिले के पिलानी में हरियाणा और राजस्थान की टास्क फोर्स की द्वितीय संयुक्त बैठक से पूर्व यमुना जल की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में हरियाणा सरकार के उच्च अधिकारी भी शामिल होंगे। दोनों राज्य की टास्क फोर्स की द्वितीय संयुक्त बैठक आगामी 25 अप्रेल को हिसार में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1994 में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं नई दिल्ली के बीच हुए यमुना जल समझौते के अन्तर्गत ताजेवाला हैड (हथिनीकुण्ड बैराज) पर मानसून अवधि (जुलाई से अक्टूबर) में 1917 क्यूसेक (वार्षिक 577 एम.सी.एम.) जल राजस्थान को आंवटित किया गया था। लेकिन आवंटित जल को राजस्थान लाने के लिए 30 वर्षों से गतिरोध बना हुआ था। सीकर, झुन्झुनु एंव चुरू जिलों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के अथक प्रयासों, केन्द्र सरकार के सकारात्मक सहयोग व केन्द्रीय जल आयोग के हस्तक्षेप के फलस्वरूप यह गतिरोध दूर हुआ एवं 17 फरवरी, 2024 को राजस्थान व हरियाणा के मुख्यमन्त्रियों एवं केन्द्रीय जलशक्ति मन्त्री की उपस्थिति में समझौता हुआ।
समझौते के तहत प्रथम चरण में ताजेवाला हैड (हथिनीकुण्ड बैराज) से पेयजल हेतु जल को राजस्थान लाने के लिए प्रवाह प्रणाली की संयुक्त रूप से डीपीआर बनाने पर सहमति बनी। इस समझौते की क्रियान्विति की दिशा में डीपीआर तैयार करने के लिए राजस्थान एवं हरियाणा सरकार द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया। संयुक्त डीपीआर बनाने के संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग, राजस्थान एवं हरियाणा के मध्य 26 मार्च, 2025 को चंडीगढ़ में बैठक आयोजित हुई। इसके पश्चात हरियाणा व राजस्थान की टास्क फोर्स की प्रथम संयुक्त बैठक गत 07 अप्रेल को यमुनानगर (हरियाणा) में आयोजित हुई जिसमें अलाईनमेंट के क्रम में वास्तविक धरातलीय परीक्षण किये जाने पर प्राथमिक चर्चा हुई।
इस योजना के तहत तीन भूमिगत पाईपलाईनों के माध्यम से हथिनीकुंड बैराज से चुरू जिले में हांसियावास जलाशय तक जल लाया जाना प्रस्तावित है। ऊपरी यमुना बेसिन (हथिनीकुण्ड बैराज के अपस्ट्रीम) में रेणुकाजी व लखवार स्टोरेज परियोजनाओं का एमओयू हो चुका है जिसके अनुरूप राजस्थान द्वारा हिस्सा राशि 77 करोड़ 90 लाख रूपये का भुगतान हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखण्ड को किया जा चुका है। किशाऊ का एमओयू होना शेष है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद हथिनीकुण्ड बैराज पर राजस्थान के हिस्से का 201 एमसीएम जल मानसून पश्चात् वर्ष पर्यन्त इन्हीं पाईपलाइनों से राजस्थान को उपलब्ध हो सकेगा।
योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग एवं त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार गम्भीर है एवं इसी क्रम में जल संसाधन विभाग द्वारा अलग से अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता, यमुना जल का नवीन पद सृजित किया गया है। राज्य सरकार के प्रयासों से शेखावाटी अंचल में यमुना जल लाने की क्रियान्विति शीघ्र स्वरूप लेने लगेगी।