नयी दिल्ली: बढ़ती मांग के बीच कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण सीमेंट के दाम में अभी और बढ़ोतरी होने की संभावना है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक गत माह सीमेंट की कीमतों में मासिक आधार पर दो से तीन फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है। हालांकि, साल के अंत में लक्ष्य की पूर्ति के लिये सीमेंट के उत्पादन में तेजी भी लायी गयी थी, लेकिन इससे भी सीमेंट के दाम को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
कंपनी ने बताया कि डीलर्स के साथ की गयी बातचीत से यह पता चला है कि दक्षिण और मध्य भारत में सीमेंट की कीमतों में प्रति बोरी 15 से 20 रुपये की तेजी रही, जबकि पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में सीमेंट के दाम प्रति बोरी पांच से दस रुपये बढ़े।
कंपनी का कहना है कि सीमेंट कंपनियां कच्चे माल की कीमतों के प्रभाव को कम करने के लिये इसका बोझ ग्राहकों पर और डालेंगी, जिससे सीमेंट के दाम तेज होंगे। कोयले और पेट्रोलियम कोक की बढ़ी कीमतों का प्रभाव अप्रैल 2022 से ऊर्जा की कीमतों पर दिखेगा। पिछले कुछ दिनों से डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं, जिससे माल ढुलाई की लागत अधिक हो गयी है।
सीमेंट कंपनियों ने पूरे देश में अप्रैल से सीमेंट की हर बोरी पर 40 से 50 रुपये बढ़ाने के संकेत दिये हैं। जनवरी और फरवरी में सुस्ती के बाद मार्च में सीमेंट की मांग में सुधार आया। मार्च 2022 में वार्षिक आधार पर सीमेंट की मांग तीन से पांच प्रतिशत बढ़ी, जबकि जनवरी-फरवरी के दौरान इसमें छह प्रतिशत की गिरावट रही।
कुछ डीलर्स का कहना है कि अप्रैल से सीमेंट के दाम में तेजी होने की आशंका के कारण मार्च के अंत में सीमेंट की मांग बढ़ गयी थी। वास्तविक मांग रूझान का पता अप्रैल के मध्य में ही चलेगा।