खवासपुरा.लोकमान्य संत सुकनमुनि महाराज के सानिध्य में रविवार को लोकमान्य संत शेरे राजस्थान वरिष्ठ प्रवर्तक रूपचन्द जी महाराज का 95 जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया गया। मरूधर केसरी रूप सुकन दरबार में हुए समरोह में सुकनमुनि म.सा ने रूपचंद म.सा की जीवनी के बारे में बताया कि छोटे गांव नाडोल में गोस्वामी परिवार मे जन्म लेकर बालअवस्था मे मोतीलाल जी महाराज के प्रवचनों से प्रभावित होकर जौधपुर मे जैन भगवती दीक्षा लेकर संत बनने की की सम्पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानवता और जीवों की रक्षा के लिए वे अपनी अंतिम सांस तक सेवा का कार्य करवाते रहे। भविष्य मे ऐसा संत होना नाममुकिन है। उन्होंने अपने जीवन मे धर्म, समाज,देश हित में कई कार्य करवाएं जिनमें बकरों की बलि प्रथा को बंद करवाया गया और गायों की गौशाला खुलवाकर गायों का संरक्षण करवाकर उनकी रक्षा करवाई। इसदौरान युवप्रणेंता महेश मुनि पंडित रत्न राकेश मुनि,मुकेश मुनि हरीश मुनि आदि संतो ने रूपचन्द जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भले ही वे आज हमारे बीच में नहीं है परन्तु भक्तजनों के दिलों सदैव विराजमान रहेंगे। उनके बताये सदमार्ग पर चलने पर ही हम अपने जीवन मे सुख शांति के साथ आत्मा का उत्थान कर सकते है। जैन श्रावक संघ अध्यक्ष प्रसन्नचन्द कोठारी, महामंत्री जे विजयराज कोठारी, दीपचन्द कोठारी, अजितराज कोठारी, बी महावीर कोठारी, एम अशोक कोठारी, अमरचन्द सुराणा, सागरमल कोठारी, अमरचन्द कोठारी, शांतिलाल कोठारी, सुरेश कोठारी, एच प्रेमचन्द, ललित कुमार, सी महावीर कोठारी बी राकेश, सम्पतराज कोठारी आदि ने गुरू की जन्मजयंती पर गुणगान किए और उन्हें याद किया। इस अवसर पर संतो के केशलोंच होने पर कबूतर शाला मे कबूतरों के लिये 50 से अधिक अनाज की बोरियां कबूतर शाला मे पहुचाई गई। धर्मसभा में गायों मे चल रही लम्पी स्किन बिमारी उसके रोग निवारण हेतू प्रवर्तक श्री धर्मसभा मे सामूहिक शांति जाप करवाया गया जिससे गाये रोग मुक्त हो जाये।