नई दिल्ली। केयर्न एनर्जी पीएलसी (Cairn Energy Plc) ने भारत सरकार के साथ कर विवाद (Cairn Energy Plc and indian government tax problem) में अपनी मुहिम और तेज कर दी है। लंदन में सूचीबद्ध इस कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट के निर्णय को लागू कराने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, फ्रांस और नीदरलैंड्स में भारत सरकार की मूल्यवान परिसंपत्तियों पर नजरें टिका ली हैं। केयर्न (Cairn Energy Plc) ने फ्रांस में भारत सरकार की 20 परिसंपत्तियां जब्त करने के लिए स्थानीय न्यायाधिकरण में याचिका दायर की थी और निर्णय उसके पक्ष में आया है। इन परिसंपत्तियों की कीमत 2 करोड़ यूरो से अधिक है।
भारत सरकार की 20 जायदाद जब्त कर सकती केयर्न
केंद्र सरकार फ्रांस के न्यायालय के आदेश को चुनौती देगी। केयर्न (Cairn Energy Plc) के एक प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद भारत सरकार की 20 जायदाद वह जब्त कर सकती है। प्रवक्ता ने कहा कि इन जायदाद की कीमत 2 करोड़ यूरो से अधिक है। प्रवक्ता ने कहा, ‘इन परिसंपत्तियों को अपने नियंत्रण में लेने और इनकी बिक्री से प्राप्त रकम हासिल करने की दिशा में यह एक शुरुआती कदम था।’
जब्त नहीं किया जा सकता
समझा जा रहा है कि केयर्न ने जिन जायदाद पर दावा किया है उनमें ‘इंडिया हाउस’ भी है जिनमें भारतीय छात्र रहते हैं। इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि फ्रांस में भारत सरकार की जायदाद है लेकिन ये वाणिज्यिक जायदाद नहीं हैं इसलिए न्यूयॉर्क संधि के तहत ये विदेशी सरकार के नियंत्रण में हैं। सूत्र ने कहा कहा कि इस वजह से इन्हें जब्त नहीं किया जा सकता है।
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