राधास्वामी बिल्डकोन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ये बिल्डिंग नहीं बनी बायलॉज के अनुसार, पार्किंग-बिजली जैसी मूलभुत सुविधाओं से रखा जा रहा है वंचित, मनमाने शुल्क वसूल रहा है बिल्डर. पार्किंग स्पेस के लिए 5 से 6 लाख रूपए मांगे जा रहे हैं
जयपुर.शहर में बिल्डर की मनमानी दिन-ब-दिन बढज़ी जा रही है। बिल्डरों की मनमानी प्रवृति के खिलाफ अब लोग खुलेआम सामने भी आ रहे हैं परंतु सरकारी तंत्रों की मिलीभगती से बिल्डर्स के हौंसले कायम है। शहर के राधा स्वामी बिल्डकोन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विजय विशाल टेकरीवाल के खिलाफ हाल ही में सन एन मून रेजीडेंसी के बायर्स और डब्लूटीपी की फाउंडर ने जेडीसी और रेरा में जाकर जेडीसी को शिकायत दर्ज करवाई। अजमेर रोड स्थित सन एन मून चेम्बर्स जो कि सौ प्रतिशत कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स था और इस बिल्डिंग में ऑफिस खरीदने वालों को मूल सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है। इसी बिल्डिंग में अपना ऑफिस खरीदने वाले मगनसिंह ने बताया कि बिल्डिंग में जबरदस्त नियमों का उल्लंघन किया गया और इसी वजह से बिल्डर को अभी तक जेडीए ने कंप्लीशन सर्टीफिकेट जारी नहीं किया गया। नियम और शर्तों के अनुसार बिल्डिंग बनाने के बाद जेडीए से कंप्लीशन सर्टीफिकेशन जारी होना चाहिए था परंतु बिल्डिंग में खामियों की वजह से ये प्रमाण पत्र अभी तक जारी नहीं हुआ। बिल्डिंग के अप्रूव्ड प्लान के अनुसार हर फ्लोर पर 8 से 10 ऑफिस बनने चाहिए थे परंतु बिल्डर ने छोटे-छोटे 25 से 30 ऑफिस हर फ्लोर पर बनाकर बेच दिए जिसके चलते बायर्स को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऑफिस खरीदने वाले बायर दिलीप सिंह चौहान ने बताया कि इसमें बिल्डिंग बायलॉज के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है और बिल्डिंग में अभी भी अवैध निर्माण जारी है।
पार्किंग की जबरदस्त समस्या- बायर सतवीर सिंह शेखावत और अक्षत पुरोहित ने बताया कि बिल्डर ने रजिस्ट्री के समय एम्पल पार्किंग बताते हुए ऑफिस बेचे थे पंरतु अब बायर्स को पार्किंग तक नहीं दी जा रही है। पार्किंग स्पेस के लिए 5 से 6 लाख रूपए मांगे जा रहे हैं जबकि बायलॉज के अनुसार पार्किंग स्पेस नहीं बेचा जा सकता है। बिल्डिंग में जितने ऑफिस है उतनी पार्किंग तक नहीं बनाई गई है। ऑनर्स को ही पार्किंग नहीं मिल रही है तो ऑफिस में आने वाले विजिटर्स के लिए ये भयंकर समस्या हो रही है। बिल्डर ने जगह-जगह बाउंसर्स हायर कर रखे है जो कि बायर्स को धमकाते रहते हैं। फिलहाल विजिटर्स और ऑनर्स को अजमेर पुलिया के नीचे पार्किंग करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
प्लान में थी 4 लिफ्ट बनी 2 – जेडीए में जो नक्शा पास किया गया था उसके अनुसार बिल्डर को ४ लिफ्ट का निर्माण करना चाहिए था परंतु बिल्डर ने सन एंड मून बिल्डिंग में दो ही लिफ्ट बनाई। बायर्स का कहना है कि बिल्डर ने न केवल जेडीए नियमों का उल्लंघन किया है बल्कि उनके साथ भी धोखाधाड़ी की है।
मेंटेनेंस शुल्क 6 रूपए प्रति स्क्वेयर फीट-बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार बिल्डिंग तैयार होने पर सोसायटी बनानी चाहिए परंतु सन एन मून चेम्बर्स को तैयार हुए 7 साल बीत जाने के बाद भी सोसायटी नहीं बनाई गई और बिल्डर अपने निजी अकाउंट में मेनटेंस शुल्क ले रहा है जिसका कोई हिसाब नहीं दिया जाता।
बिजली का कनेक्शन नहीं- जेडीए और बिल्डिंग नियमों के अनुसार भी हर ऑनर को अपने ऑफिस में खुद का बिजली कनेक्शन लेने का अधिकार होता है पंरतु सन एन मून चेम्बर्स के बाशिंदों को इसका हक नहीं दिया गया जिसकी वजह से पूरी बिल्डिंग में एक कॉमन बिजली का कनेक्शन चल रहा है। बायर कन्हैयालाल गोयल ने बताया कि जगह-जगह सबमीटर लगा रखे हैं और बिल्डर मनमानी करते हुए कभी भी एमसीवी बंद कर देता है जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। गोयल ने बताया कि कई बार जेवीवीएनएल में ऑनर के नाम से कनेक्शन के लिए बात की गई परंतु बिल्डर का इतना प्रभाव है कि वहां से कनेक्शन की कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई।
बिल्डिंग में नियमों का उल्लंघन
बिल्डिंग की हाइट 30 मीटर ही अप्रूव्ड हुई थी परंतु बिल्डर ने 33 मीटर तक निर्माण कर दिया।
बिल्डिंग के ऑफिस बिक जाने के बाद सोसायटी को हैंडओवर होनी चाहिए परंतु सोसायटी नहीं बनाई गई।
हरेक ऑनर का बिजली कनेक्शन लेने का अधिकार होता है परंतु बिल्डर ने जेवीवीएनएल ने एग्रीमेंट कर ऑनर को बिजली कनेक्शन लेने का अधिकार नहीं दिया।
बायर्स को बिल्डिंग के अंदर पार्किंग नहीं दी जा रही जिसके चलते रोड़ पर गाड़ी खड़ी करने को मजबूर हो रहे हैं।
बिल्डिंग में 2 ही कॉरिडोर है जबकि 4 कोरिडोर अप्रूव्ड हुए थे। बिल्डर ने बाकी की जगह बेच दी।
4 लिफ्ट की जगह बिल्डर ने 2 ही लिफ्ट बनाई।