नई दिल्ली। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट (ओएमआई) के रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक एवं सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने में बाइक-टैक्सी की संभावना को उजागर करती है। रिपोर्ट ‘द पावर ऑफ टू व्हील्स- बाइक टैक्सीनजः इंडियाज न्यू शेयर्ड मोबिलिटी फ्रंटियर’ बाइक-टैक्सियों के दायरे को व्यापक बनाने के लिए एक सक्षम नीतिगत ढांचे का आह्वान तथा सिफारिश करती है और इस पर अपनी अंतर्दृष्टि डालती है।
किराये पर सवारी की बढ़ती मांग
किराये पर सवारी की बढ़ती मांग के साथ बाइक-टैक्सियों की लोकप्रियता बढ़ी है, क्योंकि यह भारत के अनुरूप है। ओएमआई ने अपने विस्तृत अध्ययन में गुरुग्राम और जयपुर में बाइक-टैक्सी परिचालन का विश्लेषण किया है, जिसमें पाया गया है कि बाइक-टैक्सी सफर का आदर्श समाधान है, क्योंकि 70-85 प्रतिशत ग्राहक सात किलोमीटर से कम की दूरी के लिए बाइक-टैक्सी को पसंद करते हैं। गुरुग्राम में देखा गया कि हर तीन यात्रा में से एक मेट्रो स्टेशन जाने या मेट्रो स्टेशन से आने की है और ऐसी यात्राएं व्यस्ततम घंटों में होती हैं।