नई दिल्ली. भंडारण क्षेत्र के नियामक भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) ने सभी विनियमित गोदामों से भौतिक रूप में नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट (एनडब्ल्यूआर) जारी किए जाने की व्यवस्था 1 जून से समाप्त करने का निर्णय लिया है। नियामक में पंजीकृत 87 लाख टन क्षमता वाले 1000 से अधिक गोदामों के लिए यह निर्देश लागू होगा। उनके पास इस निर्देश पर अमल करने के लिए दो महीने से अधिक का समय है। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि ये सभी गोदाम कृषि जिंसों से जुड़े हुए हैं। नियामक द्वारा गैर-कृषि जिंसों के लिए मानकों को अंतिम रूप अभी नहीं दिया गया है। देश भर के पंजीकृत गोदामों को भेजे निर्देश में नियामक ने कहा है कुछ समय से नई प्रणालियां परिचालन में हैं और अब तक बड़ी संख्या में जारी इलेक्ट्रॉनिक वेयरहाउस रिसीट (ई-एनडब्ल्यूआर) से भली-भांति काम हो रहा है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी गोदाम भौतिक रूप में एनडब्ल्यूआर जारी नहीं करेगा। गोदाम सिर्फ ई-एनडब्ल्यूआर ही जारी करेंगे जिसके लिए वे नियामक के साथ एक या इससे अधिक संग्राहकों से जुड़ सकते हैं। एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स जैसे डेरिवेटिव एक्सचेंजों पर सिर्फ विनियमित गोदामों को ही शामिल किया गया है और इसलिए जून से कृषि जिंसों में सिर्फ इलेक्ट्रिॉनिक स्वरूप में एनडब्ल्यूआर को ही स्वीकार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर भौतिक रूप में वेयरहाउस रसीदों का अनुपात मुश्किल से 15 प्रतिशत है। ई-एनडब्ल्यूआर जारी करने की व्यवस्था फिलहाल सिर्फ केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और कुछ राज्यों के भंडारण निगमों तक ही सीमित है। डब्ल्यूडीआरए ने इस उद्देश्य के लिए अब तक सीडीएसएल कमोडिटी रिपोजिटरी लिमिटेड (सीसीआरएल) और नैशनल ई-रिपोजिटरी लिमिटेड (एनईआरएल) को मान्यता दी है। ये संग्राहक 26 सितबंर 2017 से ई-एनडब्ल्यूआर की शुरुआत के बाद से परिचालन में हैं। नियामक के पास पंजीकृत गोदामों को अपने पास जमा जिंसों के लिए ई-एनडब्ल्यूआर जारी करने के वास्ते इन संग्राहकों के साथ भी पंजीकृत होना पड़ता है। नियामक के इस निर्देश का पहले से भंडारित किए जा चुके जिंसों के आर्थिक-कारोबारी पक्ष पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। नैशनल कॉलेटरल मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएल) के प्रबंध निदेशक संजय कौल ने कहा कि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा गोदाम मुख्य रूप से किसानों, व्यापारियों और बड़े डीलरों के स्वामित्व और परिचालन में हैं जिनके लिए हमारे जैसी कॉलेटरल प्रबंधन कंपनियां सेवा लेती हैं। ये गोदाम नियामक में पंजीकृत नहीं हैं। इसलिए ऐसे निर्देशों का इन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। जहां तक हमारी बात है तो हमारी घरेलू नवीनतम प्रौद्योगिकी ने इलेक्ट्रॉनिक भंडारण रसीद (ई-डब्ल्यूआर) जारी किया जाना जरूरी कर दिया है जो नेगोशिएब्ल नहीं होती हैं।
Tags ban on common receipt of godowns hindi news for godowns hindi samachar market news Storage development and regulatory authority
Check Also
बेसिक होम लोन ने बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेन्ट्स के नेतृत्व में सीरीज़ बी फंडिंग में 10.6 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई
इस नई धनराशि का उपयोग बाज़ार में कंपनी की पहुंच बढ़ाने, ऋण पोर्टफोलियो के विस्तार …