Jaipur. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने आज कहा कि वर्ष 2023 में दुनिया भर की आर्थिक वृद्धि में खासी गिरावट की आशंका है लेकिन विकास और मुद्रास्फीति दोनों के लिहाज से वैश्विक अर्थव्यवस्था का बुरा दौर अब पीछे छूटता प्रतीत हो रहा है। दुबई में एफआईएमएमडीए-पीडीएआई के 22वें वार्षिक सम्मेलन में दास ने कहा, ‘कुछ महीने पहले वृद्धि के लिहाज से भारी और अधिक व्यापक मंदी की आशंका जताई जा रही थी मगर अब हल्की-फुल्की मंदी की बात कही जा रही है।’
भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी रह सकती
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (international monetary fund) के हालिया वैश्विक आर्थिक अनुमान के मुताबिक 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.7 फीसदी रह सकती है, जो 2022 में 3.2 फीसदी थी। आरबीआई ने दिसंबर में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी रह सकती है। विभिन्न देशों में मुद्रास्फीति घटने के कारण केंद्रीय बैंक दरों में कम इजाफा करते या सिलसिला रोकते दिख रहे हैं मगर दास ने कहा कि वैश्विक मौद्रिक निकाय मुद्रास्फीति को गिराकर तय लक्ष्यों के करीब लाने की बात पर डटे हुए हैं। इसलिए संभावना यह भी है कि नीतिगत दरें लंबे अरसे तक ऊंची बनी रहें।