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Avada Group leads NECIA International Green Hydrogen Summit 2024: Important step towards decarbonization

अवादा ग्रुप ने किया अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 का नेतृत्व: डिकार्बनाइज़ेशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

नई दिल्ली. रिन्यूएबल एनर्जी में अग्रणी समूह, अवादा ग्रुप ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन (आईसीजीएच) का प्रतिनिधित्व किया। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेता, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और अन्वेषकों ने उद्योगों के कार्बन डिकार्बनाइजेशन और सतत विकास में हरित हाइड्रोजन की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की।

अवादा ग्रुप ने ग्रीन हाइड्रोजन से संबंधित अपने नए और बेहतरीन आविष्कारों को प्रदर्शित किया तथा कंपनी की जीएच2 (ग्रीन हाइड्रोजन) में बढ़ती विशेषज्ञता को रेखांकित किया और अवादा प्रतिनिधि मंडल ने ग्रीन हाइड्रोजन और क्लीन एनर्जी के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को उजागर किया।

अवादा ग्रुप के अध्यक्ष श्री विनीत मित्तल ने कई उच्च स्तरीय देश दौरों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें यूरोपीय संघ और उसके सदस्य राज्यों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने हरित हाइड्रोजन अपनाने और इसके लिए वैश्विक सहयोग की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। श्री मित्तल ने कहा, “मुझे विश्वास है कि भारत अपनी विशाल भूमि संसाधनों और मजबूत राष्ट्रीय ग्रिड के साथ 2030 तक हरित हाइड्रोजन में क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। जैसे-जैसे हम नेट जीरो फ्यूचर की ओर बढ़ रहे हैं, राष्ट्रों और कंपनियों के बीच साझेदारी नये आविष्कारों को अपनाने, उत्पादन को बढ़ाने और हरित हाइड्रोजन को सुलभ और किफायती बनाने के लिए आवश्यक होगी। अवादा ग्रुप में,हम इस क्रांति के अग्रणी हैं। इसके तहत, हम उन्नत तकनीकों का लाभ उठा रहे हैं और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। सफल होने के लिए, हमें एक आधुनिक दृष्टिकोण अपनाना होगा, जो स्थिरता को प्राथमिकता देता है और अंतर्राष्ट्रीय विचारों को प्रोत्साहित करता है।”

अवादा ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री दीपक अग्रवाल ने ‘स्टील के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की आवश्यकता’ नामक परिचर्चा में भाग लिया। श्री अग्रवाल ने कहा, “खनन (लौह अयस्क, कोयला), समुद्री, स्टील उत्पादन और कैप्टिव बिजली उत्पादन के क्षेत्र में हरित ईंधन का एकीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि इस्पात एक क्षेत्र के रूप में वैश्विक रूप से लगभग 7-9% जीएचजी उत्सर्जन में योगदान देता है। हमें नवीन तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, हरित हाइड्रोजन के अपनाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि जीएचजी उत्सर्जन में 95% से अधिक की कमी हो सके। अपने एकीकृत रेत-से-अणु व्यवसाय के साथ, अवादा ग्रुप हरित ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

भारत हरित हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन में माननीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी और भारत सरकार के माननीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी जैसी प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने सम्मेलन को और गौरवान्वित किया। इस वैश्विक मंच पर यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जिससे हरित हाइड्रोजन तकनीक और समाधानों के वैश्विक महत्व पर प्रकाश पड़ा। आईसीजीएच में अवादा ग्रुप की भागीदारी ने न केवल कंपनी की हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में अग्रणी भूमिका को मजबूत किया, बल्कि नवाचार और वैश्विक सहयोग के क्षेत्र में भी इसकी क्षमता को प्रदर्शित किया। यह आयोजन कंपनी के सतत और कार्बन मुक्त भविष्य के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुआ।

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