दोपहिया वाहनों की अग्रणी कंपनी बजाज ऑटो की बिक्री में पांच फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यहीं नहीं, फार्म इक्विपमेंट कंपनी एस्कोर्ट्स के ट्रैक्टरो की बिक्री 13.4 फीसदी गोता लगा गई।
घरेलू बिक्री ने 36.3 फीसदी का गोता लगाया
मारुति सुजुकी के बयान के अनुसार जुलाई में सिर्फ 109,264 कारों की बिक्री हो पाई जबकि पिछले साल 164,369 कारों की बिक्री हुई। इस तरह उसकी बिक्री 33 फीसदी कम रही। कंपनी की घरेलू बिक्री में ज्यादा गिरावट रही है। इस दौरान घरेलू बिक्री 36.3 फीसदी गिर गई। जुलाई में 98,210 कारें बिक पाईं जबकि पिछले साल 154,150 कारों की बिक्री हुई थी। कारों की विभिन्न कैटागरी पर नजर डालें तो उसकी छोटी कारों की बिक्री में जबर्दस्त गिरावट आई है। अल्टो और वैगनआर की बिक्री 37,710 से 69.3 फीसदी घटकर महज 11,577 रह गई। समूचे कांपेक्ट सेगमेंट में स्विफ्ट, सेलेरियो, इगनिस, बलेनो और डिजायर की बिक्री 22.7 फीसदी घट गई। इस वर्ग में बिक्री 74,373 से घटकर 57,512 रह गई। यूटीलिटी वाहनों में विटारा ब्रीजा, एस-क्रॉस और अर्टिगा की बिक्री 38.1 फीसदी फिसल गई। इस वर्ग में बिक्री 25,505 से घटकर 15,178 रह गई। हालांकि मिड साइज में सियाज की बिक्री में कई गुने की बढ़ोतरी हुई। इसकी बिक्री 48 कारों से बढ़कर 2,397 हो गई। दूसरी ओर जुलाई के दौरान कंपनी की निर्यात बिक्री 9.4 फीसदी घटकर 9,258 रह गई जबकि पिछले साल जुलाई में 10,219 कारों का निर्यात हुआ था।
हुंडई ने बेचीं 39 हजार कारें
हुंडई मोटर इंडिया के अनुसार जुलाई के दौरान उसकी घरेलू बिक्री 10 फीसद गई। इस दौरान बिक्री 43,481 से घटकर 39,010 रह गई। उसकी कुल बिक्री 3.8 फीसदी घटकर 57,310 कारों की रह गई। पिछले साल इसी महीने में कुल बिक्री 59,590 रही थी। हालांकि निर्यात बिक्री 13.6 फीसदी बढ़कर 18,300 हो गई। पिछले साल जुलाई में 16,109 कारों का निर्यात हुआ था।
महिंद्रा की बिक्री 15 फीसदी फिसली
महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री जुलाई में 15 फीसदी गिरकर 40,142 वाहनों की रह गई। पिछले साल जुलाई में 47,199 वाहनों की बिक्री हुई था। इसमें घरेलू बिक्री 16 फीसदी घटकर 37,474 रह गई। इसके विपरीत निर्यात में तीन फीसदी वृद्धि हुई। यूटीलिटी व्हीकल, कार और वैन समेत कुल यात्री वाहों की बिक्री 15 फीसदी घटकर 16,831 रह गई। कंपनी के सेल्स एवं मार्केटिंग प्रमुख (ऑटो डिवीजन) वीजे राम नाकरा ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योंग की चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। कई वजहों से कंज्यूमर सेंटीमेंट बहुत कमजोर हैं। उपभोक्ताओं की ओर से मांग में सुधार के लिए उद्योग को सहायता दिए जाने की आवश्यकता है।