नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Primeminister narendra Modi) की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) (MSME Sector) क्षेत्र के लिए कई ऐतिहासिक घोषणाएं (Government Announcements) की गईं। इन घोषणाओं से एमएसएमई (MSME), किसान (Farmer) और रेहड़ी पटरी वालों को काफी मदद मिलेगी। आज की बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज (Self-sufficient india package) के तहत घोषणाओं के लिए रोडमैप तैयार किया जा चुका है।
एमएसएमई क्षेत्र में आएगा निवेश और नौकरियां होंगी पैदा
प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने कहा कि इन घोषणाओं से एमएसएमई क्षेत्र (MSME Sector) में निवेश (Investment) आएगा और नौकरियां (Job) पैदा होंगी। संकट में फंसे एमएसएमई को इक्विटी सहायता देने को घोषणा हुआ है, जिसके तहत 20 हजार करोड़ रुपए की सहायता के प्रावधान पर मुहर लग गई है। इससे 2 लाख संकट में फंसे एमएसएमई को फायदा होगा। 50 हजार करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का प्रस्ताव भी पहली बार हुआ है, जिससे एमएसएमई उद्योगों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचिबद्ध होने का मौका मिलेगा।
डेढ़ गुना एमएसपी
जावडे़कर (Prakash Javadekar) ने कहा कि किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) (minimum supoort price) कुल लागत का डेढ़ गुना रखा जाएगा। इसके साथ-साथ सरकार ने खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum supoort price) 50 से 83 प्रतिशत तक बढ़ाया दिया है।
31 अगस्त 2020 तक बढ़ी कर्ज भुगतान तिथि
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा कि खेती और उससे जुड़े काम के लिए 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है।
50 हजार रुपये इक्विटी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने कहा कि 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान संकट में पड़े एमएसएमई के लिए किया गया है। इससे संकट में पड़े 2 लाख एमएसएमई को लाभ मिलेगा। साथ ही 50 हजार रुपये के इक्विटी का प्रस्ताव भी पहली बार आया है।
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