नई दिल्ली केंद्रीय कोयला और बिजली मंत्रालय द्वारा देश में ऊर्जा संकट की बात नकारे जाने के एक दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों मंत्रालयों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। जानकारी के मुताबिक बैठक में देश की सबसे बड़ी सरकारी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी के अधिकारी भी मौजूद थे। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी और केंद्रीय बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे। देर शाम तक सरकार की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं आया था लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि बैठक में कोयले के भंडार का जायजा लिया गया क्योंकि कई राज्यों ने कोयले की कमी की बात कही है जिससे बिजली संकट उत्पन्न हो सकता है। राष्ट्रीय बिजली पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक कोयले की कमी के चलते 16 गीगावॉट कोयला आधारित बिजली उत्पादन क्षमता ठप है। केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि देश बिजली संयंत्रों की जरूरत के लिए पर्याप्त कोयला मौजूद है। सरकारी कोयला कंपनी कोल इंडिया (सीआईएल) ने कहा कि उसने अक्टूबर माह के गत चार दिनों में देश में बिजली कंपनियों को आपूर्ति बढ़ाकर 15.1 लाख टन रोजाना कर दी है। कंपनी ने कहा कि अक्टूबर के शुरुआती 10 दिनों में कुल 17.3 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गई जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 10 फीसदी अधिक है। सीआईएल के निदेशक मार्केटिंग एस एन तिवारी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य बिजली क्षेत्र की आपूर्ति और बढ़ाने का है और दुर्गा पूजा के बाद यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा।’
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