नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) ने भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को चुनौती देने वाली दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन डॉट कॉम की याचिका आज खारिज कर दी। सीसीआई ने नियामकीय मंजूरी हासिल करने के दौरान जानकारी छिपाने की बात करते हुए फ्यूचर समूह के साथ एमेजॉन का 2019 का सौदा खारिज कर दिया था। इस सौदे में एमेजॉन ने 1,431 करोड़ रुपये का निवेश कर किशोर बियाणी की अगुआई वाली फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।
पंचाट ने सीसीआई के इस फैसले को बरकरार रखा है कि एमेजॉन ने गलतबयानी कर और तथ्यों को छिपाकर प्रतिस्पर्द्धा नियामक को जताने की कोशिश की थी कि यह गठजोड़ और उसके उद्देश्य एफसीपीएल के कारोबार में एमेजॉन के हित में हैं।
पंचाट ने 300 पृष्ठ के अपने फैसले में कहा कि इस सौदे का वास्तविक उद्देश्य भारतीय खुदरा क्षेत्र में कदम रखने के लिए फ्यूचर समूह के साथ रणनीतिक करार करना था। पंचाट ने पाया कि एमेजॉन ने एफआरएल के संबंध में सीमित खुलासे किए। ये खुलासे केवल एफसीपीएल के पास रखे एफआरएल के इक्विटी वॉरंट से संबंधित थे। इसने असली बात नहीं बताई, जो एफआरएल के रणनीतिक अधिकार एवं हित हासिल करना और खुद एवं एफआरएल के बीच ‘वाणिज्यिक गठजोड़’ करना थी।