नई दिल्ली। नैचुरोपैथी और योगा में डॉक्टरेट के साथ दिव्या अरोड़ा को अपने रेस्टोरैंट और केटरिंग के पारिवारिक व्यवसाय द्वारा मिठाई बनाने में रचनात्मक अभिव्यक्ति मिली। दिव्या ने अंतर्राष्ट्रीय भारतीय और फ्यूज़न मिठाई बनाने के लिए ‘केसर’ प्रस्तुत किया। दिव्या पिंक सिटी- जयपुर में केसर स्वीट्स का एक रिटेल स्टोर चलाती हैं। उन्होंने लोकल शॉप्स ऑन एमेज़ॉन प्रोग्राम द्वारा अपने इस व्यवसाय को ऑनलाईन किया। एमेज़ॉन से जुड़ने के बाद उनके व्यवसाय ने कई गुना वृद्धि की और एक छोटी सी टीम द्वारा प्रतिदिन 10 ऑर्डर संभालने से लेकर अब वो 70 से ज्यादा लोगों की टीम के साथ हर हफ्ते 250 ऑर्डर संभाल रही हैं। दिव्या ने कहा, ‘‘एमेज़ॉन.इन पर हमारी मौजूदगी ने केसर को एक राष्ट्रीय ब्रांड बनाने में मदद की और हमें दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, देहरादून, कोच्चि आदि शहरों के ग्राहकों से रिपीट ऑर्डर मिलते हैं। हम काफी समय से जयपुर के ग्राहकों को सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन एमेज़ॉन की मदद से अब अन्य शहरों के ग्राहक भी केसर स्वीट्स का स्वाद ले सकते हैं।’’
विवेक सोमारेड्डी, डायरेक्टर, फुलफिलमेंट चैनल्स, एमेज़ॉन इंडिया ने कहा, ‘‘हम राजस्थान सहित पूरे देश में लोकल शॉप्स ऑन एमेज़ॉन प्रोग्राम के तेज विस्तार को देखकर उत्साहित हैं। केवल दो सालों में राज्य के 13,000 से ज्यादा स्थानीय ऑफलाईन स्टोर इस प्रोग्राम में शामिल हो चुके हैं और एमेज़ॉन.इन पर सामान बेचकर लाभ कमा रहे हैं। इससे साफ होता है कि डिजिटल रूप से समर्थ बनकर राज्य के ऑफलाईन रिटेलर्स, माईक्रो एंट्रप्रेन्योर्स और अन्य छोटे व्यवसायों को ऑनलाईन आने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देने में क्या मदद मिल सकती है। हम स्थानीय ऑफलाईन रिटेलर्स को प्रोग्राम में शामिल करने और उनके बिज़नेस को बढ़ाने में मदद करने पर केंद्रित हैं, जिसके लिए हम उनके शहर एवं अन्य जगहों पर ज्यादा बड़े ग्राहक वर्ग का निर्माण कर रहे हैं और मजबूत ब्रांड बनाने के लिए बल प्रदान कर रहे हैं।’’
आज दिव्या ‘लोकल शॉप्स ऑन एमेज़ॉन प्रोग्राम’ में जुड़े राजस्थान के 13,000 से ज्यादा ऑफलाईन रिटेलर्स और पड़ोसी स्टोर्स में से एक हैं। यह प्रोग्राम ऑफलाईन रिटेलर्स और पड़ोसी स्टोर्स को ई-कॉमर्स के फायदे प्रदान करता है, ताकि उनके स्टोर्स की ऑफलाईन आय के साथ उन्हें एमेज़ॉन.इन पर डिजिटल मौजूदगी के साथ अतिरिक्त आय भी मिले। कई सेलर्स के लिए तो यह डिजिटल एंट्रप्रेन्योर बनने की ओर पहला कदम होता है। ग्राहकों को इससे अपने शहर में अपने पड़ोसी स्टोर्स से उत्पाद मंगाने में मदद मिलती है (जिनमें से ज्यादातर पर वो भरोसा करते हैं)। ग्राहक अपने घर बैठे उनसे सामान मंगा सकते हैं और ये स्थानीय शॉप्स डिजिटल स्टोर बन जाती हैं।