जयपुर। उपनिवेशन मंत्री शाले मोहम्मद ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि वर्ष 2004 से जैसलमेर जिले में भूमि आवंटन के लंबित आवेदनों की नियमानुसार पात्रता की जांच कर जल्द ही भूमिहीनों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकेगा।
उपनिवेशन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विशेष आवंटन श्रेणी पर वर्ष 2013 से 2018 तक हाईकोर्ट की रोक थी। इसके बाद वर्ष 2019 से सामान्य आवंटन श्रेणी पर भी अदालत का स्थगनादेश आ गया। उन्होंने बताया कि स्थगन आदेश हटने के बाद अब उपनिवेशन विभाग के अधिकारियों को पात्रता की जांच कर प्राथमिकता के आधार पर एक माह में आवंटन की प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपनिवेशन के नियमों के तहत पहली प्राथमिकता गांव, उसके बाद तहसील एवं जिले की रहती है।
इससे पहले विधायक रूपाराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उपनिवेशन मंत्री ने बताया कि जैसलमेर जिले में उपनिवेशन विभाग में भूमिहीनों को भूमि आवंटन हेतु सामान्य आवंटन श्रेणी के 61,215 एवं विशेष आवंटन श्रेणी के 34,967 इस प्रकार कुल 96,182 आवेदन पत्र लम्बित हैं। उन्होंने इनका संख्यात्मक श्रेणीवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
सामान्य एवं विशेष श्रेणी के 99,763 प्रकरण प्राप्त, 3,581 प्रकरणों का निस्तारण
उपनिवेशन मंत्री ने बताया कि सामान्य एवं विशेष श्रेणी के कुल 99,763 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 3,581 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है तथा वर्तमान में शेष 96,182 प्रकरण लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि विशेष आवंटन श्रेणी में वर्ष 2013 से 2018 तक तथा सामान्य आवंटन श्रेणी में वर्ष 2019 से फरवरी 2023 तक उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन होना प्रकरणों के लम्बित रहने का प्रमुख कारण रहा है।
शाले मोहम्मद ने बताया कि आवेदन पत्र वर्ष 2004 से लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि अत्यधिक पुराने होने के कारण आवेदकों की पात्रता की पुनः जांच की आवश्यकता है। जांच उपरान्त ही आवंटन की कार्यवाही की जानी संभव है।