नई दिल्ली.: करीब सात दशक बाद एयर इंडिया वापस टाटा समूह का हिस्सा बन गई। टाटा समूह ने एयर इंडिया को घाटे से उबारने और उसे विश्वस्तरीय विमानन कंपनी बनाने की प्रतिबद्घता जताई। सार्वजनिक क्षेत्र की इस विमानन कंपनी का निजीकरण आज पूरा हो गया और उसका स्वामित्व टाटा समूह को सौंप दिया गया।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन कहा, ‘टाटा समूह एयर इंडिया को विश्वस्तरीय विमानन कंपनी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं एयर इंडिया के सभी कर्मचारियों का हमारे समूह में पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत करता हूं।’ एयर इंडिया की शुरुआत टाटा समूह ने 1932 में की थी। हालांकि 1953 में विमानन कंपनी का राष्ट्रीयकरण किया गयय था। लेेकिन 69 साल बाद यह फिर से टाटा समूह का हिस्सा बन गई है।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ट्वीट में कहा, ‘एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन संपन्न हुआ, जिसमें एयर इंडिया के 100 प्रतिशत शेयर और प्रबंधन नियंत्रण मेसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किए गए।’ टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस ने 8 अक्टूबर, 2021 को कर्ज में डूबी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली 18,000 करोड़ रुपये में हासिल की थी। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में ऋणदाताओं का कंसोर्टियम घाटे में चल रही एयर इंडिया के सुचारू परिचालन के लिए टाटा समूह को ऋण देने पर सहमत हो गया है। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयर इंडिया नए स्वामित्व के अंतर्गत तेजी से आगे बढ़ेगी।