मुंबई। वित्तीय बाजारों की तेजी ने छोटे निवेशकों (Small Investors) को अपने वित्तीय एसेट गिरवी रख पैसा जुटाने में मदद की है. कोरोना संकट (Corona Crisis) के दौरान इन छोटे निवेशकों (Small Investors) ने अपने शेयर-बॉन्ड (Share-Bond) आदि गिरवी रख कर इस साल मार्च के बाद से 1,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) के बैंक क्रेडिट फ्लो (Credit Flow) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई के अंत तक शेयर और बॉन्ड गिरवी रख कर कर्ज 6,392 करोड़ रुपये रहा, जो 19.8 फीसदी या 1,058 करोड़ रुपये बढ़ा. एक साल पहले इसमें 9.3 फीसदी की कमी आई थी.
एक साल में क्रेडिट ग्रोथ आधी रह गई
बीते एक साल में क्रेडिट ग्रोथ (Credit Growth) करीब आधी होकर 11.5 फीसदी से 6 फीसदी ही रह गई है. कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से मार्च में ही पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) लग गया था. इससे अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका लगा और कई नौकरीपेशा लोगों को सैलरी (Salary Loos) कम होने की वजह से नकदी की जरूरत पड़ रही थी.
बाजार की तेजी का भी फायदा उठाया
इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) के निदेशक जिंदल हैरिया ने कहा, “लोगों को अस्थायी रूप से पैसे की जरूरत पड़ी या उन्हें अपने पैसे का बचाव करना था. उन्होंने अपने शेयर या वित्तीय एसेट गिरवी रख कर पैसा जुटाया. इस तरह उन्होंने अपनी अल्पावधि फंड जरूरतों को पूरा किया. बाद में उन्होंने बाजार की तेजी का भी फायदा उठाया.”