नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में जारी लॉकडाउन से शायद सबसे बड़ा बदलाव यही आएगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग घर से काम करेंगे। अगर आपको लगता है कि यह अतिशयोक्ति है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) इस दिशा में एक योजना पर काम कर रही है। इसके तहत 2025 तक उसके 75 फीसदी कर्मचारी घर से काम करेंगे। यह लक्ष्य कंपनी की भविष्य की योजनाओं की थाह देगा।
आरबीएल बैंक 75 प्रतिशत कर्मियों को घर पर देगा काम
आरबीएल बैंक के 75 फीसदी कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान पहले ही दूर से काम कर रहे हैं और अब बैंक स्थायी समाधान के तौर पर उनके घरों से हॉट डेस्किंग से और अलग-अलग स्थानों से काम करने की संभावना तलाश रहा है। हॉट डेस्किंग में कई कर्मचारी अलग-अलग समय पर एक ही वर्क स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं।
किराया और रखरखाव से जुड़ी लागत की बचत
कर्मचारियों के घरों से काम करने से कंपनियों को किराया और रखरखाव से जुड़ी लागत की बचत होती है। कंपनियों के लिए कॉरपोरेट इंटीरियर का डिजाइन बनाने वाली और इसका निर्माण करने वाली कंपनी एनक्यूब के चेयरमैन और को-वर्किंग कंपनी ऑफिसडॉटकॉम के मुख्य कार्याधिकारी अमित रमानी ने कहा, ‘अमेरिका में अभी 4 फीसदी कर्मचारी घर से काम करते हैं। भारत में दफ्तरों में काम करने वाले 5 करोड़ कामगारों में से करीब 1 फीसदी घर से काम करते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि लॉकडाउन के बाद यह संख्या 10 से 12 फीसदी तक पहुंच सकती है।’ कोविड-19 के कारण केवल यही बदलाव नहीं होगा।
मोशन सेंसर और चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक
कंपनियों के कार्यालय एक ही इमारत तक सीमित रहने के बजाय शहर में कई स्थानों पर बिखरे होंगे। दफ्तरों में मोशन सेंसर और चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक लगी होगी जो आपके मोबाइल से संचालित होगी। इससे आपको दरवाजा खोलने यह वेंडिंग मशीन से कॉफी निकालने के लिए किसी सतह को छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लिफ्ट भी होगी मोबाइल से आपरेट
स्मार्ट लिफ्ट में कम लोग सफर सकेंगे और वह बटन के बजाय मोबाइल से ऑपरेट होगी। सामाजिक दूरी बनाने के लिए ऑफिस का आकार काफी बड़ा हो सकता है। कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम के बजाय मोबाइल उपकरणों और जियो टैगिंग का इस्तेमाल होगा।
एसी में होगा एन-95 फिल्टर का इस्तेमाल
एसी में एन-95 फिल्टर का इस्तेमाल होगा ताकि उनसे संक्रमण का खतरा कम हो सके। दशकों तक कार्यालयों में खुले माहौल को परिपाटी रही है लेकिन कुछ विश्लेषकों को लगता है कि अब कर्मचारियों और विभागों के बीच ज्यादा बंटवारा देखने को मिल सकता है। हालांकि खुले ऑफिस की व्यवस्था बरकरार रहेगी। लेकिन करीबी बैठकों के लिए बनाई गई जगहों को नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
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आरपीजी एंटरप्राइजेज भी करेगी ऐसा
आश्चर्य की बात यह है कि कई क्षेत्रों में कर्मचारियों के घर के काम करने की प्रवृत्ति जोर पकड़ रही है। आरपीजी एंटरप्राइजेज टायर, ट्रांसमिशन, दवा और आईटी जैसे कई तरह के कारोबार करती है। आरपीजी एंटरप्राइजेज के मानव संसाधन विभाग के अध्यक्ष एस वेंकटेश ने कहा कि उनके 70 फीसदी कर्मचारी सार्वजनिक परिवहन से कार्यालय आते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम उनके ऑफिस में काम करने के दिनों की संख्या को कम करने के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। यह संख्या 22 से घटाकर 10 की जा सकती है और विभिन्न विभागों में इसे स्थायी तौर पर लागू किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को एक साथ बिठाने की दिशा में भी काम चल रहा है ताकि अगर किसी विभाग का एक कर्मचारी बीमार होता है तो उस विभाग के सभी कर्मचारियों को क्वारंटीन करने की जरूरत नहीं होगी।