नई दिल्ली – शिव नाडर यूनिवर्सिटी चेन्नई ने वर्ष 2024 में शिव नाडर स्कूल ऑफ लॉ की स्थापना की थी, और अब वह शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए इंटीग्रेटेड बी.ए., एल.एल.बी. प्रोग्राम के दूसरे बैच के लिए आवेदन आमंत्रित कर रही है। यह प्रोग्राम कानून में नैतिक, वैश्विक योग्यता रखने वाले और सामाजिक दायित्व समझने वाले प्रोफेशनल्स के विकास पर केंद्रित है। इसमें एक बेहतरीन कला प्रोग्राम के साथ विशिष्ट कानून शिक्षण पद्धति शामिल है जो विशेष कानूनी कौशल पर जोर देती है।
इस अवसर पर डीन और प्रोफेसर शिव स्वामीनाथन ने इस प्रोग्राम के परिवर्तन लाने वाले लक्ष्यों को उजागर करते हुए बताया कि, “हमारी विश्व स्तरीय अध्यापक जो ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, हार्वर्ड, प्रिंसटन, येल जैसी विश्व की अग्रणी यूनिवर्सिटी से ली गई है, और इसी वजह से शिव नाडर स्कूल ऑफ लॉ बाकी सभी से बेहतर है। साथ ही हमारे कार्यक्रम में खासमखास, स्थायी और ज़्यादा से ज़्यादा रोजगार योग्य कौशल सिखाने पर जोर दिया जाता है। हमारा सर्वोत्तम पाठ्यक्रम छात्रों को मुश्किल से मुश्किल कानूनी चुनौतियों को सुलझाने और समाज में सही बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाता है।”
शिव नाडर फाउंडेशन का विजन भारत में कानूनी शिक्षा को एक नई परिभाषा देने का था, जिसके तहत शिव नाडर स्कूल ऑफ लॉ की स्थापना की गई थी। यह प्रोग्राम आलोचनात्मक सोच, विश्लेषणात्मक कौशल, और कानूनी मुद्दों पर वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए तैयार किया गया है, ताकि छात्र वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों सके। व्यावहारिक समझ को बेहतर करने के लिए, 20% अध्यापक में प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं, जो कक्षा में वास्तविक दुनिया की अंतर्दृष्टि को साझा करते हैं।
शिव नाडर स्कूल ऑफ लॉ छात्रों को वार्षिक इंटर्नशिप देकर करियर सपोर्ट करेगा और एक समर्पित प्लेसमेंट टीम उन्हें केवल उनकी पहली नौकरी के लिए ही नहीं, बल्कि कानून के क्षेत्र में जीवनभर के नामचीन करियर के लिए तैयार करेगी। इतना ही नहीं छात्रों को शिव नाडर यूनिवर्सिटी चेन्नई के 230 एकड़ में फैले परिसर के संसाधनों और बौद्धिक वातावरण का भी लाभ मिलेगा, जिसमें अत्याधुनिक पुस्तकालय और विश्व स्तरीय शोध सुविधाएं शामिल हैं।
ट्यूशन फीस और छात्रवृत्ति: भारतीय छात्रों के लिए ट्यूशन फीस 4,95,000/- रुपये है, जिसमें 20,000 रुपये का एक बार का प्रवेश शुल्क शामिल है। आने वाले बैच के एक-तिहाई छात्रों को छात्रवृत्तियां भी दी जाएंगी, जिनमें कुछ पूरी ट्यूशन फीस माफ भी शामिल है, ताकि योग्य छात्रों के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जा सके।