नवीकरणीय ऊर्जा से बदलता राजस्थान
New delhi. भारत में बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं और जलवायु परिवर्तन से निपटने के उद्देश्य से, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है। 2030 तक भारत का लक्ष्य 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। कुल 28,617 मेगावाट क्षमता के साथ, राजस्थान अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के मामले में भारत में दूसरे स्थान पर है। पश्चिमी राजस्थान, अपने विशेष भौगोलिक और पर्यावरणीय लाभों के चलते, इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। इस क्षेत्र में थार रेगिस्तान की विशाल बंजर भूमि, प्रचुर धूप और तेज़ हवाएं सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उपयुक्त हैं, जिससे यह क्षेत्र देश की ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
अदाणी सोलर एनर्जी बाड़मेर वन लिमिटेड इसी दिशा में योगदान करते हुए, फतेहगढ़ तहसील के गाले की बस्ती गांव में 600 मेगावाट सौर परियोजना के लिए 9.63 एकड़ (लगभग 24 बीघा) भूमि – इब्राहिम खान, इमाम खान और गोरधन खान – पुत्र मगन खान से सबस्टेशन बनाने के लिए खरीदी है। यह भूमि पूर्णतः गैर-खेती योग्य है। इस सबस्टेशन के लिए किसी भी प्रकार के धार्मिक पेड़ व वनस्पति को काटा नहीं जा रहा है। यह भूमि न तो ओरण है और न ही गौचर है । यह निखालिस बंजर भूमि है।
परियोजना की स्थापना के दौरान, कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा निर्माण कार्य में रुकावटें उत्पन्न की गईं और कर्मचारियों को शारीरिक क्षति पहुंचाने की धमकी दी गई। जिसके चलते अदाणी समूह को प्रशासन की मदद लेकर काम करना पड़ रहा है। परंतु असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार बाधाएँ उत्पन्न की जा रही है।
अदाणी समूह का उद्देश्य, पश्चिमी राजस्थान में ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। कंपनी सभी कार्यों को कानून के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है। अदाणी समूह की यह पहल न केवल पश्चिमी राजस्थान, बल्कि पूरे भारत के लिए ऊर्जा स्वावलंबन और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।