Jaipur. अदाणी समूह (Adani Group’s) पर जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (American Short Seller Hindenburg Research) ने आरोप लगाए तो अदाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (Adani Group’s FPO) (एफपीओ) की कामयाबी पर आशंका खड़ी हो गई थी। मगर पिछले कुछ दिनों में शेयर के गोता खाने के बावजूद 20,000 करोड़ रुपये का यह भारी भरकम एफपीओ सफल रहा। गोता खाने के कारण अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर (Adani Enterprises share) एफपीओ के लिए तय भाव से नीचे चल रहा है। इसके बाद भी उसके एफपीओ को 1.12 गुना अभिदान मिला और 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां प्राप्त हुईं। इनमें 60 फीसदी से अधिक बोलियां धनाढ्य व्यक्तियों (एचएनआई) से आईं। एचएनआई के लिए आरक्षित कोटे को 3.3 गुना से अधिक अभिदान मिला।
निर्गम की खुदरा श्रेणी का महज 12 फीसदी हिस्सा आवेदन हासिल
सूत्रों के अनुसार देश के कई नामी-गिरामी उद्योगपतियों ने इस एफपीओ के लिए बोलियां लगाई हैं। संस्थागत निवेशक श्रेणी में 5,276 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ 1.26 गुना अभिदान मिला। अबू धाबी की इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने इस एफपीओ में करीब 3,200 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था। निर्गम की खुदरा श्रेणी का महज 12 फीसदी हिस्सा आवेदन हासिल कर सका। फिर भी उसमें 900 करोड़ रुपये को बोलियां आईं। एफपीओ से पहले अदाणी एंटरप्राइजेज ने 3,276 रुपये प्रति शेयर भाव पर एंकर निवेशकों को 5,985 करोड़ रुपये के शेयर दिए।