नई दिल्ली। केंद्र सरकार के एमएसएमई सेक्टर (MSME sector) को दिए तीन लाख करोड क्रेडिट पैकेज (3 Lakh crore Credit package announced) के तहत व्यापारियों (Retail traders) को भी अब शामिल कर लिया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders) का इस बारे में कहना है कि इस योजना के दायरे में सभी व्यापारियों (Retail traders) को शामिल किया जाना चाहिए, केवल उन लोगों को नहीं जो बैंकों के मौजूदा कर्जदार हैं। योजना के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार केवल बैंकों के मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए ही यह लागू है, जबकि व्यापारियों (Retail traders) का बहुत बड़ा वर्ग बैंकों से ऋण नहीं ले रहा है और इस तरह के सभी व्यापारी (Retail traders) इस योजना से वंचित होंगे।
गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन योजना का लाभ व्यापारियों को!
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman), वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (MSME Minister Nitin Gadkari) का आभार व्यक्त करते हुए कहा की भारत में लॉकडाउन के कारण उत्पन्न होने वाले तरलता संकट से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन योजना (Guaranteed Emergency Credit Line Scheme) का लाभ व्यापारियों (Retail traders) को भी मिले, यह स्पष्टता करते हुए कैट के अनुरोध का संज्ञान लिया है।
एमएसएमई के रूप में पंजीकृत नहीं हैं, वे भी पात्र
कैट ने वित्त मंत्री और वाणिज्य मंत्री को 12 मई को वित्त मंत्री द्वारा घोषित एमएसएमई सेक्टर (MSME sector) के लिए 3 लाख करोड़ पैकेज के तहत भारत के व्यापारियों (Retail traders) को भी शामिल करने का समर्थन किया था। भरतिया और खंडेलवाल ने आगे बताया कि नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कॉरपोरेशन ने इस योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और स्पष्ट किया है कि एमएसएमई / व्यवसाय (MSME sector) जो एमएसएमई के रूप में पंजीकृत नहीं हैं, वे भी इस योजना के पात्र हैं।
बनाया जाएगा नया ऋण खाता
इस नई गारंटी योजना का प्रमुख सूचक तथ्य यह है कि बैंको द्वारा यह कर्ज देते हुए एक नया ऋण खाता बनाया जाएगा। जो उधारकर्ता के मौजूदा ऋण खाते से अलग होगा। 12 महीने की तक की मोहलत के साथ 4 साल की अवधि के लिए प्रदान किए गए ऋण पर बैंकों के लिए ब्याज दर 9.25% और एनबीएफसी के लिए 14% तय की गई है। सभी व्यापारी जिनके पास बैंकों का 25 करोड़ तक का बकाया ऋण है, और 100 करोड़ तक की वार्षिक टर्नओवर है, वो इस योजना के अंतर्गत बैंकों से ऋण ले सकेंगे।