बेंगलूरु। टैक्सी एग्रीगेटर ओला (Taxi OLA) ने अपने कुल कर्मचारियों में से 1,400 यानी एक-तिहाई से अधिक की छंटनी (lay off one-third of the personnel) करने की घोषणा की है। कोविड-19 (Covid-19) महामारी से परिवहन उद्योग लगातार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसलिए कंपनी ने यह कदम उठाया है। कंपनी ने कहा कि उसे यह कठोर कदम उठाना ही होगा। क्योंकि हालात बहुत जल्द सुधरने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
1,400 कर्मचारियों को हटाएंगे
ओला के सह-संस्थापक एवं सीईओ भाविश अग्रवाल ने कर्मचारियों को भेजी सूचना में कहा। ‘दुर्भाग्यवश कोविड संकट (Covid Problem) हमारे चारों तरफ फैल रहा है। जिससे अप्रत्याशित आर्थिक और सामाजिक नुकसान हो रहा है। यह भी साफ हो गया है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) बहुत जल्द खत्म नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आज इन परिस्थितियों में आप सभी को मेरा यह सबसे मुश्किल फैसला बताने जा रहा हूं। संगठन में कर्मचारियों की तादाद घटानी होगी और हमारे 1,400 कर्मचारियों को अलविदा कहना होगा।’
उबर, स्विगी और जोमैटो ने भी की थी छंटनी की घोषणा
ओला के इस कदम से एक दिन पहले ही उसकी प्रतिस्पर्धी उबर ने कहा था कि वह 3,000 कर्मचारियों की और छंटनी करेगी और दुनिया भर में दर्जनों कार्यालय बंद करेगी। कुछ दिन पहले ही खाद्य तकनीक कंपनी स्विगी ने 1,100 और जोमैटो ने 520 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। वायरस का विशेष रूप से राइड हेलिंग कारोबार पर बड़ा असर पड़ा है।
ओला का राजस्व दो महीनों में 95 फीसदी घट गया
ओला का राजस्व पिछले दो महीनों के दौरान 95 फीसदी घट गया है। सबसे अहम बात यह है कि इस संकट से भारत एवं विदेश में उसके लाखों चालकों एवं उनके परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। सॉफ्टबैंक के निवेश वाली इस कंपनी ने कहा कि वह इस फैसले को भारत में अपने परिवहन कारोबार में इस सप्ताह के अंत तक क्रियान्वित कर देगी।
ओला फूड्स और ओला फाइनैंशियल का फैसला बाद में
वहीं ओला फूड्स और ओला फाइनैंशियल में एक और सप्ताह लिया जाएगा। ओला की मानव संसाधन टीम बुधवार से शनिवार के बीच प्रभावित कर्मचारियों से एक-एक कर बातचीत करेगी। कंपनी ने कहा कि प्रत्येक प्रभावित कर्मचारी को कम से कम तीन महीने का फिक्स्ड वेतन मिलेगा, भले ही उसके नोटिस की अवधि कितनी भी हो।