जयपुर। प्रदेश के उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा (parsadi lal meena) ने बताया है कि राज्य में रीको औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही अन्य इलाकों में 190 से अधिक वृहदाकार औद्योगिक इकाइयां आरंभ हो गई है। वही प्रदेश मेें सात हजार तीन सौ से अधिक एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों ने काम शुरु करने की पहल की है।
सीमेंट सेक्टर के अधिकांश प्लान्टों में उत्पादन आरंभ
उद्योग मंत्री मीणा परसादी लाल ने बताया कि राज्य की बड़ी औद्योगिक इकाइयों में सीमेंट सेक्टर के अधिकांश प्लान्टों में उत्पादन आरंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार निंबाहेड़ा की एक सीमेंट यूनिट को छोड़ कर अन्य में उत्पादन होने लगा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में तेजी से औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने लगी है। राज्य में बड़ी सीमेंट इकाइयों के 24 प्लांट कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि राज्य में अल्ट्राटेक की चार, बिरला उत्तम की 2, बिडला सीमेंट वक्र्स की एक, अंबुजा की एक, एसीसी की एक, जेके सुपर की 3, श्री सीमेंट 7, डीएससीएल की एक, वण्डर की एक, नुवोको की एक, जेके की एक और निरमेक्स की एक प्लांट स्थापित है औ इनके द्वारा सीमेंट का उत्पादन किया जा रहा है। इनके द्वारा ग्राइण्डिंग इकाइयां भी संचालित हो रही है।
निर्माण कार्य को गति मिलेगी
एसीएस उद्योग डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान प्रमुख सीमेंट उत्पादक प्रदेश है। इन सीमेंट इकाइयों में हजारों की संख्या में श्रमिक व कार्मिक कार्यरत होने के साथ ही बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार उपलब्घ कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीमेंट कंपनियों में उत्पादन जारी होने से जहां एक और निर्माण कार्य को गति मिलेगी। वहीं इस उद्योग से श्रमिकों व प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े लोगों के रोजगार के अवसर मिलेंगे।
औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाना
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि उद्यमियों की सुविधा के लिए उद्योग विभाग व रीको स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रुम प्रभारी अधिकारियों द्वारा उद्यमियों की शंकाओं व जिज्ञासाओं के समाधान किया जा रहा है। औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के साथ ही कोरोना महामारी से बचाव भी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।