जयपुर। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने लॉकडाउन के दौर में छात्रों को लाभान्वित करने के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) से जुड़े अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डा. डी.पी. शर्मा द्वारा रिसर्च ओरियंटेशन इन प्रोजेक्ट वर्सेज प्रोजेक्ट ओरियंटेशन इन रिसर्च‘ विषय पर आयोजित किया गया। डा. शर्मा मूल रूप से राजस्थान के धौलपुर से हैं।
जीवन, प्रोजेक्ट या शोध के बारे में विश्लेषण की जरूरत
उन्होंने कहा, एक व्यक्ति के जीवन में सबसे अहम बात यह होती है कि क्या वह अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण, अर्थपूर्ण या लाभदायक बना पाया, क्योंकि भगवान ने हमें देखने, सुनने, सोचने और चर्चा करने की क्षमता दी है। उन्होंने कहा कि हमें अपना जीवन धर्म के अनुसार जीना चाहिए, क्योंकि धर्म ही हमें हमारे जीवन, हमारे प्रोजेक्ट और हमारे शोध को बेहतर ढंग से दिशा दे सकता है। उन्होंने इन तीनों को आपस में जोड़ने का प्रयास किया। आज वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को चुनौती दे रखी है। उन्होंने कहा कि यह वह समय है जब हमें हमारे जीवन, प्रोजेक्ट या शोध के बारे में नए ढंग से सोचने, विश्लेषण करने और काम करने की जरूरत है।
मानव पूरी तरह मशीनों पर निर्भर
उन्होंने अनुभवजन्य ज्ञान को प्रयोगात्मक ज्ञान से जोड़ने तथा प्राचीन ज्ञान को आधुनिक ज्ञान से जोड़ने पर भी जोर दिया। शर्मा ने कहा मानव पूरी तरह मशीनों पर निर्भर है, इसलिए आने वाले समय में जीवन बहुत कठिन हो सकता है। मशीनों को बेचा जा सकता है, मानव को नहीं। उन्होंने कहा कि अपनी भावना को सोच में बदलिए। काम को आदत बनाइए, आदत को चरित्र बनाइए और चरित्र को अपनी नियति बनाइए। जीवन का प्रोजेक्ट भावना से शुरू होता है और नियति पर खत्म होता है।
आज के युवा ही भविष्य के योद्धा
बीएसडीयू के उपकुलपति प्रो अचिंत्य चैधरी ने कहा, किसी भी प्रोजेक्ट या जीवन की घटनाओं के लिए हमें रचनात्मक होना जरूरी है और हमें परिस्थितियों के तथ्य जानने की उत्सुकता होनी चाहिए। स्कूल ऑफ एंटरप्रोन्योरशिप स्किल्स के प्रिंसीपल प्रो. डा. रवि गोयल ने कहा, इस कठिन समय में हम हमारे छात्रों को प्रेरित करने के लिए यूनिवर्सिटी की नियमित क्लासेज की कमी आज जैसे प्रेरक सत्रों से पूरी कर रहे हैं, क्योंकि आज के युवा ही भविष्य के योद्धा हैं।