हैदराबाद। कोरोनावायरस महामारी ने बॉलीवुड के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी तेलुगू फिल्म उद्योग को प्रभावित किया है। तेलुगू फिल्म उद्योग की करीब 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की फिल्में या तो रिलीज होने के लिए तैयार हैं या उसका प्रोडक्शन एक महीने से अधिक समय से अटका हुआ है। महामारी के जल्द खत्म होने की कोई संभावना नहीं नजर आने के कारण उद्योग न सिर्फ बड़े पैमाने पर घाटे में चल रहा है, बल्कि इसके प्रोडक्शन, वितरण और एक्जीबिशन विभागों के 70,000 से अधिक लोगों की नौकरियां जाने का डर भी है।
निर्माता दग्गुबाती सुरेश की रिलीज के लिए 15 फिल्में तैयार
जाने-माने निर्माता दग्गुबाती सुरेश के अनुसार, रिलीज के लिए 15 फिल्में तैयार हैं, वहीं अन्य 70 फिल्में प्रोडक्शन के विभिन्न चरणों में अटकी पड़ी हैं। सुरेश ने कहा, “400 करोड़ से भी अधिक आरआरआर जैसी फिल्मों के साथ 100 करोड़ की कई फिल्में प्रोडक्शन की बकेट में और 20-30 करोड़ की कई फिल्में अटकी पड़ी हैं। इनके अलावा कई फिल्में 3-5 करोड़ की भी हैं। काफी पैसा अटका पड़ा है। शायद करीब 2,000 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं का उत्पादन अटका पड़ा है।”
राम चरण और जूनियर एनटीआर की ‘आरआरआर’ फिल्म अटकी
बड़े बैनर की फिल्मों में एस.एस. राजामौली की ‘आरआरआर’ शामिल है। इसमें राम चरण (Ram Charan) और जूनियर एनटीआर (Junior NTR) प्रमुख भूमिकाओं में हैं। सुपरस्टार चिरंजीवी की ‘आचार्य’ एक और बड़े बैनर की फिल्म है जो लॉकडाउन के कारण अटक गई है। बालकृष्ण, अल्लू अर्जुन, वैंकटेश और रवि तेजा जैसे प्रमुख सितारों की फिल्में तय समय से पीछे चली गईं हैं। इनमें से ज्यादातर 30-40 करोड़ रुपये की फिल्में हैं।