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Coronaviruses are not killing mango crops,

कोरोना वायरस की मार आम की फसल पर, नहीं हो रहे हैं निर्यात सौदे

जयपुर। दूनिया भर में फैले कोरोना वायरस के कारण भारत से आम निर्यात के सौदे नहीं हो रहे है, जिस कारण आम किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में मंगलवार को आम के भाव घटकर 250 से 500 रुपये प्रति पेटी (एक पेटी-12 किलो) रह गए जबकि अगले महीने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की फसल आयेगी, जिससे इसकी मौजूदा कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है। सप्ताह भर में इसकी कीमतों में करीब 150-200 रुपये प्रति पेटी का मंदा आ चुका है।

पेड़ से आम तोड़ने वाले मजदूर नहीं मिल रहे

मुंबई स्थित स्वामी रामकृष्ण फारमर्स प्रोड्यूसर कंपनी के प्रबंधक अविनाश मुंडे ने बताया कि कोरोना वायरस का असर आम के निर्यात पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण पेड़ से आम तोड़ने वाले मजदूर नहीं मिल रहे हैं, मजदूरों की कमी के कारण न तो छटाई हो पा रही है और न ही इनकी पैकिंग। उन्होंने बताया कि परिवहन की भी समस्या है, साथ ही बंदरगाह पर लोडिंग, अनलोडिंग की परेशानी आयेगी, इसलिए हम आम के निर्यात सौदे नहीं कर रहे हैं।

भारत से सबसे ज्यादा अल्‍फांसों आम का निर्यात

उन्होंने बताया कि हम हर साल दुबई, कतर और सिंगापुर को आम का निर्यात करते हैं, लेकिन इस बार अभी तक निर्यात सौदे नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारत से सबसे ज्यादा अल्‍फांसों आम का निर्यात होता है, जिसका उत्पादन मुख्यत: महाराष्ट्र के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में ज्यादा होता है। अल्‍फांसो आम मार्च में तैयार हो जाता है और मार्च से जून तक बाजार में रहता है। उन्होंने बताया कि मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल को नुकसान हुआ, और अब निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिल रहे

मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष इंसराम अली ने बताया कि देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं साथ ही आम की पैकिंग के लिए पेटियां बनाने वाली फैक्ट्रियां बंद हैं तो निर्यात की संभावना ही कहां है। उन्होंने बताया कि इस साल तो किसान यही सोच रहा है कि लॉकडाउन में उसका आम स्थानीय बाजार में ही बिक जाए तो बड़ी बात होगी।

 मई के अंत तक नई फसल की आवक

अली ने कहा कि इस साल उत्तर प्रदेश में 30-35 लाख मीट्रिक टन आम उत्पादन होने की उम्मीद है तथा मई के अंत तक नई फसल की आवक बनेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि तब तक देश में हालात सामान्य हो जाए तो, किसानों को राहत मिले। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आम उत्पादकों को भी किसानों की ही तरह लॉकडाउन में छूट दी जाए, ताकि वे बागों में जाकर अपना काम कर सकें। साथ ही गेहूं और धान की तरह आम का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।

मई में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के आम की आवक बनेगी

आजादपुर मंडी के आम कारोबारी तेजिंदर सिंह ने बताया कि इस समय आंध्रप्रदेश के वियवाड़ा, विजयनगरम और वारंगल से सफेदा, सुरखा और तोतापुरी आम की आवक हो रही है जबकि अगले महीने महाराष्ट्र से नया आम आयेगा। मई के अंत तक उत्तर प्रदेश के आम की आवक बन जायेगी। लॉकडाउन के कारण मंडी में आम की दैनिक आवक 25 से 30 ट्रकों की ही हो रही है जबकि अन्य सालों में इन दिनों 50 से 60 ट्रकों की आवक होती थी। उन्होंने बताया कि मंडी में आम का भाव 250 से 500 रुपये प्रति पेटी रह गया है तथा सप्ताहभर में करीब 150-200 रुपये प्रति पेटी का मंदा आ चुका है।

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