जयपुर। लॉकडाउन के कारण देश के सब्जी और फल किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। थोक मडियों में सब्जी और फलों की आवक में भारी गिरावट इसका प्रमाण है। लॉकडाउन के कारण देश भर में सब्जी और फल मंडियां बंद हैं या फिर उनमें कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। मुंबई के करीब वाशी सब्जी एपीएमसी बाजार ने कोविड-19 के संक्रमण की आशंका को देखते हुए मंडी बंद करने का फैसला किया है। पुणे का गुलटेकड़ी थोक बाजार भी कल बंद हो गया जिससे आसपास के सब्जी किसान बुरी तरह प्रभावित हुए।
आवक में पिछले तीन हफ्तों में भारी गिरावट
अगर महानगरों में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ता है तो सब्जियों और अनाज जैसे जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो सकती है। आगरा मंडी में अभी से आलू की आवक 30 फीसदी गिरकर 1,400 टन रोजाना ही रह गई है। नासिक के करीब लासलगांव में इस समय प्याज की आवक चरम पर होती थी, लकिन यह मंडी कई दिनों से बंद है। पहले यह साल खत्म होने के कारण बंद थी और उसके बाद संक्रमण फैलने की आशंका में खुली ही नहीं। पूरे देश में विभिन्न जिंसों की आवक में पिछले तीन हफ्तों में भारी गिरावट आई है।
मंडियां या तो बंद हैं या सीमित मात्रा में माल लाने की इजाजत
दिल्ली की आजादपुर मंडी और देश की तमाम बड़ी सब्जी-फल मंडियों का यही हाल है। मंडियां या तो बंद हैं या सीमित मात्रा में माल लाने की इजाजत है। इससे उकताकर देश में कई जगह किसानों ने सब्जियां और दूध सड़कों पर ही फेंक दिए। क्योंकि या तो वे माल मंडियों तक नहीं पहुंचा पाए या उनके पास से माल उठाया नहीं जा सका। उत्तर प्रदेश और कई उत्तरी राज्यों में खेतों से सब्जी उखाडऩे की भी घटनाएं हुई हैं।
गेहूं, चना दलहन और आम जैसे फलों की आवक भी घटी
क्रेडिट सुइस रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक भरपूर पैदावार के बावजूद बाजार में पिछले साल के मुकाबले 50 से 95 फीसदी तक कम आवक है। अगर लॉकडाउन अवधि की बात की जाए तो इस दौरान सभी तरह की सब्जियों, फलों और अनाज की आवक में भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी का मौसम अपने शबाब पर है। इसलिए बाजार में गेहूं, चना जैसे दलहन और आम जैसे फलों की आवक में तेजी आनी चाहिए थी। लेकिन ट्रकों की कमी और माल लादने-उतारने के लिए मजदूरों की किल्लत के कारण आवक घटी है।
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