नई दिल्ली। बुधवार को ल्युशियाना लाइट और मार्स यूएस के क्रमश: 21 फीसदी और 3 फीसदी बढ़ने के कारण यूएस शेल ऊपर रहा। वहीं अन्य ऑयल मानक जैसे ओपेक बास्केट, यूरल्स, डब्ल्यूटीआई क्रूड और ब्रेंट क्रूड में 8 से 13 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इंडियन बास्केट भी करीब 14 फीसदी तक गिरा। इसी प्रकार के ट्रेंड नैचुरल गैस में भी देखने को मिला, जो शुरुआत में 2 फीसदी बढ़ोतरी के बाद ओपनिंग प्राइज से 1.5 फीसदी नीचे गिरकर 1.721 डॉलर के लेवल पर पहुंच गया।
यूं गिर रही क्रूड ऑयल की प्राइस
एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड, डीवीपी इक्विटी रणनीतिकार, ज्योति रॉय का कहना है कि ऑयल मार्केट की मौजूदा गिरावट के पीछे कई कारण हैं। ट्रेड वॉर और कोरोना वारयस के प्रभाव के अलावा क्रूड ऑयल अपने प्राइज वार का भी सामना कर रहा है, जहां वैश्विक कंपनियां लगातार कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा रही हैं।
क्या है वास्तविकता
पिछले कुछ समय में कच्चे तेल की जरूरत से ज्यादा सप्लाई हो रही है। ओपेक समूह इसके उत्पादन को सीमित करने में सक्षम हैं। खैर, कोरोनावायरस के विस्तार के कारण वैश्विक मांग में कमी आ गई और यह समूह आपस में बंट गया। मार्च तक किसी भी सर्वसम्मत निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका और ओपेक व नॉन ओपेक देशों ने उत्पादन बढ़ाना जारी रखा।