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खुशखबरी! लेवलर, जीरो टिलेज सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर और मल्चर कृषि उपकरण पर सरकार दे रही 100 फीसदी तक सब्सिडी

जयपुर। आधुनिक कृषि के लिए कृषि यंत्रो का होना बहुत जरूरी है। कृषि यंत्रों से जहां श्रम कम लगती है तो वहीं फसलों की पैदावार में वृद्धि होती है। लेकिन कुछ किसान आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते है। इन्हीं बिन्दुओं के मद्देनज़र देश के लघु एंव सीमांत कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने  देश में 42 हजार कस्टेम हायरिंग केंद्र बनाए हैं।

कस्टेम हायरिंग केंद्र खोलने के लिए एक भी रुपये नहीं लगाना

गौरतलब है कि मोदी सरकार (Government of India) ने अब इसी क्रम किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए अब बड़ा कदम उठाया है। दरअसल कुछ पिछड़े राज्यों में सरकार ने खेती-किसानी से जुड़ी मशीनें (Farm Equipment) लेने के लिए 100 फीसदी तक सब्सिडी (Subsidy on Farm Equipment) देने का फैसला किया है। यानी किसान को अब एक भी रुपये अपनी जेब से कस्टेम हायरिंग केंद्र खोलने के लिए नहीं लगाना होगा।

खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए

बता दे कि खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कृषि यंत्रीकरण उपमिशन नामक योजना (Sub-mission of Agricultural Mechanization) शुरू की है। इसके अंतर्गत जुताई, बुवाई, पौधारोपण, फसल कटाई और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीनों की खरीद अब आसान से हो सकेगी। कृषि यंत्रीकरण उपमिशन के तहत लैंड लेवलर, जीरो टिल सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर, मल्चर आदि जैसे आधुनिक कृषि मशीनरी मिलेगा ताकि खेती आसान हो, उत्पादन बढ़े और आय दोगुनी हो जाए।

कृषि यंत्रों के लिए 100 सब्सिडी (100 subsidy for agricultural implements)

दरअसल पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष सुविधा दी गई है। जिसमें कस्टम हायरिंग केंद्र (Custom hiring center) बनाने के लिए 100 फीसदी आर्थिक मदद देने का फैसला लिया गया है। हालांकि जिस योजना में शत प्रतिशत सब्सिडी है उसमें अधिकतम 1.25 लाख रुपये मिलेंगे। तो वहीं  पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसान समूहों यदि मशीन बैंक बनाने पर 10 लाख रुपये तक का खर्च करते हैं तो उन्हें 95 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। गौरतलब है कि अन्य क्षेत्रों में सामान्य् श्रेणी वाले किसानों को 40 प्रतिशत मदद मिलेगी। जबकि एससी, एसटी, महिला व लघु-सीमांत किसानों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी मिलेगी।

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