भारत मे 25 प्रतिशत लोग नैश से प्रभावित
यह बहुत बड़ी चिकित्सकीय समस्या है, क्योंकि नैश के उपचार के लिए दुनिया में अभी कहीं कोई अनुमोदित दवाई नहीं है। यह ऐसा रोग है कि जिससे दुनिया में 10 से 30 प्रतिशत तक जनसंख्या पीड़ित है। भारत मे करीब 25 प्रतिशत लोग नैश से प्रभावित हैं। नैश को सिरोसिस और एल्कोहोलिक लीवर डिजीज के बाद सिरोसिस का बड़ा कारण माना जाता है। एडवांस्ड सिरोसिस और लीवर फेल्योर के बाद लीवर ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बचता है।
सात वर्ष में करीब दस लाख लोग दवा से लाभान्वित
इस बारे में जायडस ग्रुप के चेयरमैन पंकज पटेल ने कहा, ‘‘हमें प्रसन्नता है कि नैश के रोगियों के लिए हम नई दवा की खोज कर सके, क्योंकि इसकी पूरी दुनिया में बहुत जरूरत थी। सरोगलिटजर भारत में नैश से पीड़ित लाखों रोगियों के लिए उम्मीद की जीवनदायी किरण साबित होगी।‘‘ सरोगलिटजर को भारत में सितम्बर 2013 में डायबिटिक डिसलिपिडिमिया और हाइपरट्रिगलीसेरिडिमिया के उन रोगियों के लिए जारी किया गया था जो टाइप 2 डायबिटीज के शिकार थे और जिनका सिर्फ स्टेटिन्स से उपचार नहीं हो रहा था। इस वर्ष जनवरी में सरोगलिटजर को टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के उपचार के लिए अनुमोदित किया गया। पिछले सात वर्ष में करीब दस लाख लोग इस दवा से लाभान्वित हुए।