50 फीसदी तक का निवेश मिड और स्मॉल कैप शेयरों में
बहुत से फंडों ने लाभांश देना बंद कर दिया
इनमें से बहुत से फंडों ने लाभांश देना बंद कर दिया है। इससे वे सेवानिवृत्त लोग नाखुश हैं, जिन्होंने नियमित भुगतान की उम्मीद में इनमें निवेश किया था। कुछ फंड अब भी लाभांश चुका रहे हैं, लेकिन बहुत कम। वे ये भुगतान अपने संचित लाभ से कर रहे हैं। लेकिन इससे फंड पोर्टफोलियो के मूल्य में कमी आ रही है, जिससे बहुत से पुरानी सोच वाले निवेशक खफा हैं।
आक्रामक हाइब्रिड श्रेणी में कुछ फायदे
हालांकि आक्रामक हाइब्रिड श्रेणी में कुछ फायदे भी हैं। यह इक्विटी जैसा प्रतिफल दे सकती है और इसमें उतार-चढ़ाव भी कम है। केनरा रोबेको म्युचुअल फंड में फंड प्रबंधक (इक्विटी) श्रीदत्त भानवालदर ने कहा, ‘जब हमने आकलन किया तो पाया कि ये फंड इक्विटी फंडों का करीब 85 फीसदी प्रतिफल देने में सक्षम हैं।’
बाजारों में अस्थिरता पर बैलेंस्ड फंड घटाते हैं इक्विटी में निवेश
बैलेंस्ड फंड प्रबंधक निवेश की इक्विटी और डेट के बीच अदला-बदली कर सकते हैं। इक्विटी फंड में प्रबंधक केवल निवेश को इक्विटी से केवल पैसे में तब्दील कर सकते हैं। लेकिन नकदी पर कोई प्रतिफल नहीं मिलता है। कैपिटल क्वांशट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी सौष्ठव चक्रवर्ती ने कहा, ‘जब बाजारों में अस्थिरता आती है तो बैलेंस्ड फंड इक्विटी में अपना निवेश 75-80 फीसदी से घटाकर करीब 65 फीसदी कर देते हैं। वे अपने पोर्टफोलियो का 35 फीसदी हिस्सा डेट में निवेश करते हैं जहां इस पर कुछ प्रतिफल मिलता है। इससे बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में इन फंडों के प्रतिफल को स्थिरता मिलती है।’
इक्विटी में आवंटन 65 फीसदी
इन फंडों का इक्विटी में आवंटन कम से कम 65 फीसदी होता है, इसलिए उनमें इक्विटी के समान कर लाभ मिलते हैं। ये हाइब्रिड होने के कारण निवेशकों को परिसंपत्ति आवंटन और फिर से संतुलन के लाभ मुहैया कराते हैं। अलग-अलग इक्विटी और डेट फंडों में निवेश करने वाले ज्यादातर खुदरा निवेशक अपने पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित नहीं कर पाते हैं। इन फंडों में फंड प्रबंधक उनके पक्ष में यह काम करते हैं।