कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा है कि हिमाचल राज्य में 13 अनुसंधान केंद्रों तथा आठ विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों तथा बागवानों को कृषि तथा बागवानी की उन्नत तथा नवीनतम जानकारियां प्रदान की जा रही हैं। सरकार ने सभी विज्ञान केंद्रों के साथ अपनी-अपनी परिधि के किसानों-बागवानों को व्हाट्सऐप के साथ जोड़कर पहल की है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की घोषणा की है। डॉ. मारकंडा ने कहा कि हिमाचल देश का अकेला ऐसा राज्य है जहां 89.96 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इसलिए कृषि और बागवानी पर प्रदेश के लोगों की निर्भरता अधिक है और कृषि से राज्य के कुल कामगारों में से लगभग 62 प्रतिशत को रोजगार उपलब्ध होता है। कृषि राज्य आय का प्रमुख स्त्रोत है तथा राज्य के कुल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत कृषि तथा इससे संबंधित क्षेत्रों से प्राप्त होता है। किसानों की समस्याओं व मांगों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए किसान कृषि विभाग की टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा 1550 आरंभ की गई है। डॉ. मारकंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 338 करोड़ रुपये की लागत से 111 लघु सिंचाई योजनाओं के लिए एक नई इकाई मंजूर की गई है। इसके अंतर्गत केंद्रीय सहायता के रूप में 49 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त हो गई है। इसके साथ ही प्रदेश में लघु सिंचाई योजनाओं के विकास के लिए 277 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए ही प्रदेश की पुरानी पेयजल और सिंचाई योजनाओं को दुरुस्त किया जाएगा। सरकार ने कृषकों को सिंचाई के लिए बिजली की वर्तमान दर 1 रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट की जा रही है जिससे प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित होंगे।
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